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ताज़ा खबर – Indore Samachar https://indoresamachar.net Indore's No.1 News Paper Mon, 21 Jul 2025 15:21:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.2 https://indoresamachar.net/wp-content/uploads/2021/10/cropped-FAVICON-32x32.png ताज़ा खबर – Indore Samachar https://indoresamachar.net 32 32 शहीद दिवस रैली में ममता बनर्जी का भाजपा पर बड़ा हमला- बंगाल में एसआईआर जैसी कोई योजना नहीं चलेगी https://indoresamachar.net/?p=230065 Mon, 21 Jul 2025 15:21:48 +0000 https://indoresamachar.net/?p=230065 कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को शहीद दिवस रैली के मंच से भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए साफ कहा, कि राज्य में एसआईआर (स्पेशल आईडेंटिफिकेशन रजिस्ट्री) जैसी कोई कवायद नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने भाजपा पर भाषाई आतंकवाद फैलाने और बंगालियों को निशाना बनाने का गंभीर आरोप लगाया।
कोलकाता के मध्य भाग में आयोजित भारी जनसमूह वाली रैली में ममता ने कहा कि बंगाली अस्मिता की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगी। उन्होंने घोषणा की कि बंगालियों के खिलाफ हो रहे कथित हमलों के विरोध में 27 जुलाई से राज्य भर में भाषाई आंदोलन की शुरुआत की जाएगी और हर सप्ताहांत विरोध रैलियां निकाली जाएंगी। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, कि हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, (हिंदी, मराठी, गुजराती) लेकिन हम बंगाली भाषा पर किसी भी प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा का मकसद बंगाल की पहचान को मिटाना है, और हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों को डिटेंशन कैंपों में रखा जा रहा है और उनके मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने 2019 की घटना को याद करते हुए कहा कि भाजपा समर्थकों ने ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़कर बंगाली संस्कृति का अपमान किया था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर तीखा हमला करते हुए ममता ने कहा, कि वह अपना राज्य नहीं संभाल पा रहे, फिर भी बंगाल के मामलों में दखल दे रहे हैं। उन्होंने सुष्मिता देव से असम में बड़े विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। रैली के अंत में ममता बनर्जी ने 2026 के विधानसभा चुनावों और केंद्र की सत्ता में बदलाव के लिए दिल्ली कूच का आह्वान करते हुए कहा, हमें और सीटें जीतनी हैं, और अंततः दिल्ली में भाजपा को हराना है।

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पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने विपुल एम पंचोली, राज्यपाल ने दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ https://indoresamachar.net/?p=230062 Mon, 21 Jul 2025 15:19:15 +0000 https://indoresamachar.net/?p=230062 पटना । सोमवार को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपुल एम पंचोली ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उनको शपथ दिलाई। पटना स्थित राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था। जहां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान बिहार सरकार के कई मंत्री, हाईकोर्ट के जज, अधिकारी और बड़ी संख्या में अधिवक्ता भी मौजूद थे। सुबह पौने ग्यारह बजे शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। शपथ लेने के बाद न्यायाधीश विपुल पंचोली ने न्यायिक कार्यभार संभाल लिया है। न्यायाधीश पार्थ सारथी के साथ डिवीडन बेंच में बैठकर उन्होंने दोपहर 12.45 बजे से अदालती कामकाज की शुरुआत कर दी है। आपको बता दें कि विपुल एम पंचोली 45वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं। एक साल से वह पटना हाईकोर्ट में वरिष्ठ जज के रूप में कार्यरत थे। बेहद अनुभवी होने के साथ-साथ उनको न्यायप्रिय और संवदेनशील जज माना जाता है।

मधुबनी के रहने वाले हैं मुख्य न्यायाधीश
मुख्य न्यायाधीश विपुल एम पंचोली मूलत: बिहार के मधुबनी जिले के नरपत नगर के रहने वाले हैं। उनका जन्म 28 मई 1968 को हुआ था। उनके पिता दरभंगा में लोक अभियोजक थे. हालांकि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के अहमदाबाद में हुई थी। वहीं 1991 में गुजरात हाईकोर्ट में उनकी वकालत शुरू हुई थी। गुजरात हाई कोर्ट में प्रैक्टिस के दौरान वह बार काउंसिल के मेंबर बने। 1999 में वह एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (पीपीपी) बने। अक्टूबर 2014 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया तथा दो वर्ष बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। साल 2023 में उनका तबादला हो गया और वह पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने।

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विपक्ष के विरोध पर राजनाथ, स्पीकर समय दें हम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पूरी रात चर्चा को तैयार https://indoresamachar.net/?p=230059 Mon, 21 Jul 2025 15:17:54 +0000 https://indoresamachar.net/?p=230059 ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बीजेपी सांसदों ने विजय का उत्सव करार दिया
नई दिल्ली । सोमवार संसद का मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सभी दलों को पहले ही विश्वास में लिया था। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे उन नेताओं से डरती है, जो भारत और राष्ट्रवाद के पक्ष में बोलते हैं। विपक्षी दलों के नेताओं ने विदेश जाकर ऑपरेशन सिंदूर और भारत की ताकत का समर्थन किया, इससे कांग्रेस को डर है कि ये लोग उनके राजनीतिक दुश्मन बन जाएंगे।
उन्होंने कांवड़ यात्रा पर विपक्ष के सवालों को लेकर तंज कसा और कहा कि विपक्ष को उम्मीद थी कि यात्रा में पत्थरबाजी होगी, लेकिन इस बार यात्रियों ने एक-दूसरे का स्वागत कर माला पहनाई, जिससे विपक्ष परेशान है।
भाजपा सांसद रवि किशन ने ऑपरेशन सिंदूर को विजय का उत्सव करार देकर कहा, हमारी सेना और सरकार ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। यह हमारे लिए गर्व का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए धन्यवाद।
वहीं, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया है कि भारत अब आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, पहलगाम की घटना के बाद भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया, इस प्रहार को कई देशों ने समर्थन दिया। वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सत्र को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उत्सव बताकर कहा, जो लोग सेना के शौर्य और देश की जीत पर सवाल उठाते हैं, वे देश की सेवा को कमतर आंक रहे हैं। भारत आज सीधा जवाब देता है, फिर भी विपक्ष सवाल उठाता है।
वहीं कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से बचने का आरोप मोदी सरकार पर लगाया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, हम चाहते हैं कि सदन में हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा हो। केंद्र सरकार को ऑपरेशन सिंदूर और विजय उत्सव के बारे में स्पष्ट जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की उपलब्धियों पर सवाल उठाकर कहा, पहलगाम के आतंकी कहां गए? मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए। विदेश नीति बर्बाद है, किसान परेशान हैं, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। इन मुद्दों पर भी चर्चा जरूरी है।
कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने भी ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आंतकी घटना पर व्यापक बयान की मांग कर कहा, इंडिया गठबंधन ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। हमें ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम, और एयर इंडिया दुर्घटना पर चर्चा करनी होगी। मोदी सरकार को हमारे अनुरोध पर सार्थक जवाब देना चाहिए।
लोकसभा के मानसून सत्र में सोमवार को बार-बार व्यवधान दिखाई दिया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को आश्वासन दिया कि मोदी सरकार पहलगाम हमले सहित राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर विस्तृत बहस के लिए पूरी तरह तैयार है। रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि मैं सांसदों को भरोसा दिलाता हूं कि सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर, चाहे चर्चा कितनी भी लंबी क्यों न हो, हम पूरी तरह से चर्चा के लिए तैयार हैं। जब भी स्पीकर समय देते हैं हम चर्चा को पूरी तरह तैयार है।

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संसद में जस्टिस वर्मा पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू, 207 सांसदों का समर्थन https://indoresamachar.net/?p=230056 Mon, 21 Jul 2025 15:16:03 +0000 https://indoresamachar.net/?p=230056 -राज्यसभा में सभापति धनखड़ ने दी जानकारी
नई दिल्ली । दिल्ली स्थित सरकारी आवास से जले हुए नकदी नोट मिलने के मामले में घिरे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन, लोकसभा में 145 और राज्यसभा में 54 सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला और राज्यसभा के सभापति धनखड़ को सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपे जाने के बाद जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। संविधान के अनुच्छेद 124, 217 एवं 218 के तहत दायर इस महाभियोग प्रस्ताव को कांग्रेस, भाजपा, टीडीपी, जेडीयू, सीपीएम समेत विभिन्न दलों के सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ है। इस प्रस्ताव पर रविशंकर प्रसाद, अनुराग ठाकुर, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सुप्रिया सुले, राजीव प्रताप रूडी, केसी वेणुगोपाल और पीपी चौधरी जैसे सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की मांग वाला प्रस्ताव मिला है। यह 50 से अधिक राज्यसभा के सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव मिला है और यदि दोनों सदनों में प्रस्ताव आता है, तो यह संसद की संपत्ति बन जाता है। उन्होंने प्रस्ताव की पुष्टि के लिए राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। सभापति धनखड़ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के एक चीफ जस्टिस और एक सदस्य को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी बनाई जाती है। उक्त कमेटी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद स्पीकर या चेयरमैन मोशन पर फैसला ले सकते हैं। सभापति धनखड़ ने राज्यसभा सेक्रेटरी जनरल से इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा कि क्या यह मोशन लोकसभा में भी आया है? इस पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया, कि लोकसभा में भी सदस्यों ने स्पीकर को मोशन सौंपा है। इस बात की पुष्टि होने के साथ ही राज्यसभा के सभापति ने सेक्रेटरी जनरल को महाभियोग प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे दिए।
क्या कहा था जांच कमेटी ने
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने जांच के बाद कहा था कि जस्टिस वर्मा और उनके परिवार का उस स्टोर रूम पर सीधा या परोक्ष नियंत्रण था, जहां 15 मार्च को आग लगने के बाद जले हुए नोट मिले थे। समिति ने इस मामले को गंभीर कदाचार माना और उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की।
हालांकि, जस्टिस वर्मा ने महाभियोग प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जांच समिति ने उनके संवैधानिक अधिकारों और तथ्यों की अनदेखी की है।

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केरल के पूर्व सीएम और स्वतंत्रता सेनानी अच्युतानंदन का निधन, 101 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस https://indoresamachar.net/?p=230047 Mon, 21 Jul 2025 15:12:02 +0000 https://indoresamachar.net/?p=230047 त्रिवेंद्रम । केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के वरिष्ठ नेता वीएस अच्युतानंदन का 101 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने त्रिवेंद्रम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। 23 जून को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वीएस अच्युतानंदन न केवल एक राजनीतिक जगत के दिग्गजों में शुमार थे, बल्कि वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे। साल 1946 में पुन्नपरा-वायलार विद्रोह में भाग लेने के कारण उन्हें पांच साल की जेल भी हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह कई वर्षों तक भूमिगत रहे। उनका पूरा नाम वेलिक्ककथु शंकरन अच्युतानंदन था। उन्होंने ताड़ी निकालने वाले मजदूरों और किसानों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया। ट्रेड यूनियन आंदोलन के जरिए उन्होंने राजनीति में कदम रखा और वर्ष 1964 में सीपीआई से अलग होकर बने सीपीआई(एम) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अच्युतानंदन ने अपने राजनीतिक जीवन में 10 चुनाव लड़े और 7 बार जीत हासिल की। वे 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे और 15 वर्षों तक विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर भी कार्यरत रहे। वे 1985 से 2009 तक पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे।
सादगीपूर्ण जीवन और बेदाग छवि के लिए मशहूर अच्युतानंदन को जनहित में मुखर आवाज के रूप में जाना जाता था। उनका निधन न केवल केरल बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।

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ट्रंप के भारत-पाक सीजफायर दावे पर उपराष्ट्रपति धनखड़ का तीखा जवाब- दुनिया की कोई ताकत हमें निर्देश नहीं दे सकती https://indoresamachar.net/?p=229977 Sun, 20 Jul 2025 08:57:23 +0000 https://indoresamachar.net/?p=229977 नई दिल्ली । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच कथित सीजफायर कराने के दावे पर अब देश के उपराष्ट्रपति धनखड़ की ओर से कड़ा जवाब आया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और दुनिया की कोई भी ताकत भारत को यह निर्देश नहीं दे सकती कि उसे अपने मामलों को कैसे संभालना है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दिल्ली में भारतीय रक्षा संपदा सेवा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा, कि लोगों को बाहरी नैरेटिव से प्रभावित नहीं होना चाहिए। भारत में सभी निर्णय उसके शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत आपसी सहयोग और परस्पर सम्मान के आधार पर दूसरे देशों से संवाद करता है, लेकिन निर्णय लेने में वह पूरी तरह स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि, हम अपने फैसले खुद लेते हैं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने बयान में क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा, हर खराब गेंद को खेलना जरूरी नहीं है। जो बल्लेबाज रन बनाता है, वह अक्सर लुभाने वाली खराब गेंदों को छोड़ देता है। जो उन्हें खेलता है, उसके लिए विकेटकीपर और स्लिप में फील्डर होते हैं। इस तरह, उपराष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और नीति निर्माण में पूरी तरह स्वतंत्र है और विदेशी नेताओं के दावों से उसकी स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ता।
विपक्ष की प्रतिक्रिया के बीच आया बयान
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब विपक्ष लगातार केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहा है कि क्या वाकई भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम अमेरिकी मध्यस्थता से हुआ है, जैसा कि ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं।

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मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक: कांग्रेस ने पीएम मोदी से मांगा जवाब, ट्रंप के दावे और पहलगाम मुद्दे को उठाएगा विपक्ष https://indoresamachar.net/?p=229974 Sun, 20 Jul 2025 08:55:28 +0000 https://indoresamachar.net/?p=229974 नई दिल्ली । संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले आज रविवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य संसद सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी दलों से सहयोग प्राप्त करना था।
बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री और एनडीए व विपक्ष के सांसद शामिल हुए हैं। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा व पारित किए जाने की योजना है। यहां बैठक में पहुंचे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी इस सत्र में कई संवेदनशील मुद्दों को उठाएगी। इनमें पहलगाम की घटनाएं, सीमा पर संघर्ष, डोनाल्ड ट्रंप का भारत-पाक सीजफायर दावा और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। गोगोई ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे इन मुद्दों पर संसद के माध्यम से देश को जवाब दें।
संसद में 8 प्रमुख विधेयक होंगे पेश
सरकार ने संसद के मानसून सत्र में 8 विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है। इन विधेयकों में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष संरक्षण विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक शामिल है। ये बिल देश की सांस्कृतिक धरोहर, खेल नीति और खनन क्षेत्र से जुड़े नियमों में बदलाव को लेकर अहम माने जा रहे हैं।
सरकार की प्राथमिकता: सत्र बिना बाधा के चले
केंद्र सरकार चाहती है कि मानसून सत्र के दौरान आवश्यक विधायी काम बिना किसी व्यवधान के पूरे हों। इसके लिए बैठक में सभी दलों से सहयोग की अपील की गई है। अब देखना होगा कि विपक्ष और सरकार के बीच इन ज्वलंत मुद्दों पर कितना संवाद होता है और आगामी मानसून सत्र कितना प्रभावी ढंग से आगे बढ़ता है।

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कल से शुरु हो रहे संसद के मानसून सत्र में 8 नए विधेयक ला सकती है मोदी सरकार https://indoresamachar.net/?p=229971 Sun, 20 Jul 2025 08:53:32 +0000 https://indoresamachar.net/?p=229971 नई दिल्ली । कल यानी सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरु हो रहा है। इस सत्र में जहां विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है वहीं सरकार 8 नए विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। आयकर विधेयक, 2025 लाने की तैयारी है। ये विधेयक इसलिए लाया जा रहा है ताकि 1961 में लागू किए गए कानूनों में अब वक्त और परिस्थितियों के अनुसार बदलाव करने की आवश्वकता है। ये पुराने कानूनों का सरलीकरण करने के उद्देश्य से इसे लाया जा रहा है। इसी तरह कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 – सुधारों के लिए आवश्यक संशोधन, जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025 – व्यवसाय में सरलता और कानूनी व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए लाया जा सकता है और मणिपुर जीएसटी (संशोधन) विधेयक, 2025 – मराठा कानून को केंद्र के रूप में बनाया जा सकता है।भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 – आईआईएमएम शैक्षणिक संस्थान को आधिकारिक रूप से शामिल करने का उद्देश्य। भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष विधेयक, 2025- राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक खनिजों के संरक्षण हेतु ये विधेयक तैयार किया गया है।
खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 – खनन क्षेत्र में विशेष संशोधन, महत्वपूर्ण खनिजों की प्राप्ति और गहन खोज क्षेत्र में वृद्धि का प्रस्ताव है वहीं
राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 – खेल अच्छी शासन व्यवस्था, खिलाड़ी कल्याण, वाडा वास्तुकला नीति और स्वतंत्र अपील समिति की व्यवस्था को ध्यान में रखा गया है।

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कांवड़ यात्रियों की गाड़ी ऋषिकेश-देहरादून रोड पर पलटी, 20 घायल https://indoresamachar.net/?p=229968 Sun, 20 Jul 2025 08:51:44 +0000 https://indoresamachar.net/?p=229968 सीवन । सावन माह में भगवान शिव के लिए डाक कांवड़ लाने गए सीवन के युवाओं के साथ एक बड़ा हादसा हो गया। शनिवार सुबह करीब चार बजे ऋषिकेश-देहरादून रोड पर एक कैंटर गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में 20 कांवड़ यात्री घायल हो गए। गाड़ी में कुल 28 कांवड़ यात्री सवार थे, जिनमें से 20 युवक इस दुर्घटना में घायल हो गए। घायलों की सूची में सन्नी, शेखर, प्रवीण, तरसेम, रवि, रोहित, साहिल, गोल्डी, अभिषेक, रजत, सावन, विक्रम, नितिन, संदीप, सावन सहित अन्य नाम शामिल हैं। सभी घायलों को स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया।
कांवड़ लेने गए साहिल के भाई जिंदर मलिक ने बताया कि जैसे ही उन्हें सुबह हादसे की सूचना मिली, तत्काल कुछ घायलों के परिजनों ऋषिकेश के लिए रवाना हो गए। कुछ लोग सुबह रवाना हुए, जबकि अन्य परिजन दोपहर में घायलों को वापस लाने के लिए निकले। जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम करीब चार बजे सीवन नगर से कुल 28 युवक एक कैंटर में सवार होकर हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे। ये सभी युवक हर साल भगवान शिव के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए कांवड़ यात्रा पर जाते हैं। यह उनकी सातवीं कांवड़ यात्रा थी। जैसे ही वह ऋषिकेश होते हुए नीलकंठ धाम की तरफ जलाभिषेक के लिए बढ़ रहे थे, ऋषिकेश-देहरादून रोड पर उनका वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। परिजनों में हादसे की खबर के बाद से ही चिंता का माहौल है लेकिन राहत की बात यह है कि सभी घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। यह दुर्घटना सीवन नगर सहित आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग लगातार एक-दूसरे से जानकारी साझा कर रहे हैं और घायलों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।

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राजकुमार अलवलीद ने कहा अलविदा: सऊदी के स्लीपिंग प्रिंस ने ली आखिरी सांस https://indoresamachar.net/?p=229965 Sun, 20 Jul 2025 08:49:21 +0000 https://indoresamachar.net/?p=229965 रियाद । दुनिया के सबसे अमीर घराने में जन्म सऊदी अरब के प्रिंस अलवलीद बिन खालिद पिछले 20 साल से तकलीफ झेल रहे थे। उनके इस शारीरिक कष्ट का अंत उनकी मृत्यु के साथ ही हुआ। ‘स्लीपिंग प्रिंस‘ के नाम से पहचाने जाने वाले प्रिंस अलवलीद बिन खालिद बिन तलाल बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद पिछले करीब 20 सालों से कोमा में थे।
प्रिंस अलवलीद साल 2005 में लंदन स्थित एक सैन्य अकादमी में पढ़ाई के दौरान एक गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार हुए थे। इस हादसे में उन्हें सिर में गहरी चोट आई थी। डॉक्टरों ने उनका इलाज किया तो इसी दौरान उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ, जिससे वे कोमा में चले गए। तब से प्रिंस को वेंटिलेटर पर रखा गया था और वे कभी होश में नहीं लौटे। इस दु्र्घटना के बाद जब से प्रिंस अलवलीद कोमा में गए, तब से उन्हें बेहतरीन मेडिकल सुविधाएं दी गईं लेकिन वे वापस नहीं लौट पाए। वे इस स्थिति में उन्होंने 20 साल लंबा वक्त बिताया। यही वजह है कि उन्हें स्लीपिंग प्रिंस कहा गया, जो सारी सुख-सुविधाओं के बावजूद कभी भी इसका इस्तेमाल नहीं कर पाए। किसी भी परिवार के लिए अपने बेटे को इस हालत में देखना आसान नहीं है लेकिन उनके पिता ने दो दशकों तक इस बात का इंतजार किया कि प्रिंस की नींद खुलेगी, पर ऐसा नहीं हुआ। आखिरकार प्रिंस खालिद बिन तलाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिये अपने बेटे के निधन की पुष्टि की। उन्होंने एक इमोशनल मैसेज में लिखा – अल्लाह की मर्ज़ी और तक़दीर में विश्वास रखते हुए, गहरे दुख के साथ हम अपने बेटे के निधन की सूचना दे रहे हैं।
उनके पिता, प्रिंस खालिद बिन तलाल ने पिछले दो दशकों में अपने बेटे की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी। हर साल रमज़ान, ईद और अन्य धार्मिक अवसरों पर वह अपने बेटे की सलामती के लिए दुआ करते रहे। कई बार उन्होंने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट भी लिखे। इस साल बकरीद के तीसरे दिन भी वह अपने अन्य बेटों के साथ अस्पताल पहुंचे और अलवलीद के लिए दुआ मांगी।
प्रिंस अलवलीद का नमाज़-ए-जनाज़ा आज अदा किया जाएगा, जो पुरुषों के लिए असर की नमाज़ के बाद इमाम तुर्की बिन अब्दुल्लाह मस्जिद, रियाद में और महिलाओं के लिए जुहर की नमाज़ के बाद किंग फ़ैसल स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में है। शोक संवेदनाएं 22 जुलाई तक स्वीकार की जाएंगी, जो प्रिंस अलवलीद बिन तलाल के अल-फखरियाह स्थित महल में होंगी। प्रिंस अलवलीद के निधन से पूरे सऊदी अरब में शोक की लहर है।

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