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Indore's No.1 News PaperTue, 15 Jul 2025 07:03:41 +0000en-US
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3232बिहार में 35 लाख से अधिक लोगों के नाम मतदाता सूची से हटेंगे
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Tue, 15 Jul 2025 07:03:37 +0000https://indoresamachar.net/?p=229567पटना । बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूचियों की खामियों को ठीक किया जा रहा है। इसमें कई लोग ऐसे हैं जिनकी मृत्यू हो चुकी है या फिर किसी कहीं अनयंत्र शिफ्ट हो चुके हैं। ऐसे लोगों की संख्या लगभग 35 लाख है जिनके इस सूची से नाम हटाए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान अब तक 83.66 फीसदी गणना फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं। चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में लॉन्च किया गया ईसीआईएनईटी प्लेटफॉर्म 40 पुराने ईसीआई एप्लिकेशनों को समाहित कर एकीकृत प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म बिहार के इस विशेष पुनरीक्षण अभियान के सभी पहलुओं को कवर कर रहा है और कुशलतापूर्वक संचालित हो रहा है। आयोग के अनुसार, अब तक के आंकड़ों से पता चला है कि 1.59 फीसदी (12,55,620) मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि 2.2 फीसदी (17,37,336) मतदाता स्थायी रूप से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके हैं। इसके अलावा, 0.73 फीसदी (5,76,479) मतदाता एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए हैं। आयोग के अनुसार, इन आंकड़ों के आधार पर कुल 35,69,435 नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। यह संख्या अंतिम नहीं है और आगामी दिनों में इसमें वृद्धि संभव है, क्योंकि अब भी फॉर्म भरने की प्रक्रिया जारी है। आयोग ने बताया, राज्य में कुल 7,89,69,844 मतदाताओं में से अब तक 6,60,67,208 मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं। अब केवल 11.82 फीसदी मतदाता ही बचे हैं, जिनसे फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी करनी है। गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि तक अभी 11 दिन शेष हैं। अब केवल 11.82 प्रतिशत मतदाताओं द्वारा गणना फॉर्म जमा किया जाना शेष है। इनमें से कई ने आने वाले दिनों में दस्तावेज़ों के साथ फॉर्म जमा करने के लिए समय मांगा है। आयोग के अनुसार, चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए ईसीआई -नेट प्लेटफॉर्म पर सोमवार की शाम छह बजे तक 5.74 करोड़ फॉर्म अपलोड किए जा चुके हैं। पात्र मतदाता नहीं छूटे : चुनाव आयोग आयोग ने आश्वासन दिया कि ‘कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए’सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही एक लाख बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर तीसरे राउंड का दौरा शुरू करेंगे। उनके साथ 1.5 लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) भी सहयोग कर रहे हैं, जो प्रतिदिन 50 गणना फॉर्म प्रमाणित और जमा कर सकते हैं। शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए, बिहार के 261 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के 5,683 वार्डों में विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि कोई भी शहरी मतदाता मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। वीरेंद्र/ईएमएस/15जुलाई2025
]]>भाजपा अध्यक्ष बनने की रेस में आधा दर्जन दिग्गज, इसमें 3 महिला, 3 पुरुष शामिल
https://indoresamachar.net/?p=228750
Sat, 05 Jul 2025 10:26:51 +0000https://indoresamachar.net/?p=228750नई दिल्ली । देश के प्रदेशों में भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ती के बाद अब भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना है।दिलचस्प बात यह है कि इस बार चर्चा है कि पार्टी अपने इतिहास में पहली बार किसी महिला नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है। हालांकि, अब तक दावेदारों में 6 नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं। उनमें तीन महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं। मौजूदा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका था, लेकिन चुनावों को ध्यान में रखते हुए उनके कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था। अब, भाजपा नए अध्यक्ष की नियुक्ति की तरफ आगे बढ़ रही है। पुरुष दिग्गजों की बात करें तो ओडिशा से आने वाले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भाजपा का कुशल रणनीतिकार माना जाता है। वे ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और पार्टी के आंतरिक हलकों में गहरी पैठ रखते हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई चुनावी मोर्चों पर शानदार प्रदर्शन किया है। मामा के नाम से लोकप्रिय शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब केंद्र में मंत्री हैं। वे भाजपा के सबसे लोकप्रिय जननेताओं में गिने जाते हैं। उनकी सहजता, सादगी और ग्रामीण भारत में पकड़ उन्हें पार्टी का एक जन-चेहरा बनाती है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर अब केंद्र सरकार का हिस्सा हैं। उनकी प्रशासनिक साख और संघ से निकटता उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उपयुक्त बनाती है। वे पार्टी के उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जो अनुशासन और कार्यसंस्कृति पर विशेष बल देता है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा अगला अध्यक्ष चुनते समय तीन प्रमुख बिंदुओं को ध्यान में रख रही है। उनमें संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन और जातीय समीकरण। महिला नेतृत्व की संभावना इसलिए भी मजबूत मानी जा रही है क्योंकि भाजपा ने 2023 में महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पास कराया था। इसके अलावा, हालिया चुनावों में महिला वोटर्स ने भाजपा को निर्णायक समर्थन दिया है। एक महिला अध्यक्ष पार्टी को सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर बड़ा संदेश देने में मदद कर सकती है। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण न केवल भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का मजबूत प्रतिनिधित्व करती रही हैं। वे तमिलनाडु से आती हैं, जहां भाजपा अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है। उनकी प्रशासनिक दक्षता और पार्टी नेतृत्व से करीबी उनकी उम्मीदवारी को मजबूत बनाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनटी रामाराव की बेटी डी. पुरंदेश्वरी हाल ही में आंध्र प्रदेश भाजपा प्रमुख रही हैं। वे पार्टी के “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे कूटनीतिक मिशन का हिस्सा भी रह चुकी हैं। उनकी बहुभाषीयता और राजनीतिक विरासत उन्हें एक प्रभावशाली दक्षिण भारतीय चेहरा बनाती है।कोयंबटूर दक्षिण से विधायक वानाथी श्रीनिवासन भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं। 1993 से पार्टी से जुड़ी श्रीनिवासन को 2022 में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में जगह मिली थी। ऐसा करने वाली पहली तमिल महिला नेता बनीं। वे जमीनी कार्यकर्ता और संगठन की नब्ज समझने वाली नेता मानी जाती हैं।
]]>प्रयागराज में चंद्रशेखर के हाउस अरेस्ट के बाद भड़की हिंसा, दर्जनों वाहन फूंके, 15 घायल
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Mon, 30 Jun 2025 10:39:45 +0000https://indoresamachar.net/?p=228277प्रयागराज में चंद्रशेखर के हाउस अरेस्ट के बाद भड़की हिंसा, दर्जनों वाहन फूंके, 15 घायल प्रयागराज । आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को प्रयागराज में हाउस अरेस्ट कर लिया गया। वे कौशांबी और करछना में हाल ही में हुई घटनाओं के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने कानून-व्यवस्था के मद्देनज़र उन्हें सर्किट हाउस से बाहर निकलने से रोक दिया। इसके विरोध में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ सर्किट हाउस परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। इसी बीच शहर में हिंसा भड़क गई। चंद्रशेखर रविवार को हाउस अरेस्ट हुए, जिसकी खबर तेजी से शहर में फैलते ही करछना इलाके में करीब 5,000 समर्थकों की भीड़ ने सड़क पर जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की 8 गाड़ियों और 7 निजी वाहनों में तोड़फोड़ की, बसों पर पथराव किया और भड़ेवरा बाजार में ईंट-पत्थरों की बरसात कर दी गई। हिंसा के दौरान 15 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। बाजार के स्थानीय दुकानदारों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने सवर्ण समुदाय की दुकानों को निशाना बना कर तोड़फोड़ की। पुलिस पर हमला, हालात बेकाबू हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद नैनी, करछना, घूरपुर, बारा, मुट्ठीगंज, औद्योगिक क्षेत्र समेत कई थानों की फोर्स, पीएसी और आरएएफ मौके पर भेजी गई। करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया गया। 17 कार्यकर्ता हिरासत में, 42 बाइकें सीज पुलिस ने अब तक भीम आर्मी के 17 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। मौके से 42 लावारिस बाइकें बरामद हुई हैं, जिन्हें पुलिस ने थाने में सीज कर दिया है। माना जा रहा है कि हिंसा में शामिल लोग पुलिस कार्रवाई के दौरान अपनी बाइकें छोड़कर भाग खड़े हुए। जांच जारी, कानून-व्यवस्था पर सवाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और उपद्रवियों की वीडियो फुटेज और सीसीटीवी के आधार पर पहचान की जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन की तैयारी और सूचना तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
]]>कांग्रेस ने बदली रणनीति, अब सवर्णों के बजाय ओबीसी, दलित और मुस्लिम पर नजर
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Tue, 15 Apr 2025 08:00:48 +0000https://indoresamachar.net/?p=222489पटना । कांग्रेस ने गुजरात में आयोजित अधिवेशन से साफ संकेत दे दिया है कि वह अब राजनीतिक पुनर्गठन की दिशा में बड़े बदलाव करने जा रही है। छह दशकों बाद बदली रणनीति के तहत पार्टी अब सवर्णों के बजाय ओबीसी, दलित और मुस्लिम समाज पर दांव लगाना चाहती है। इसका सीधा असर बिहार में लालू यादव की आरजेडी और यूपी में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी पर पड़ सकता है, क्योंकि इन समाजों का पारंपरिक समर्थन इन क्षेत्रीय दलों के साथ रहा है। कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी ने सवर्णों के साथ स्थायी गठजोड़ बना लिया है, ऐसे में पार्टी के लिए बहुजन वर्ग का समर्थन हासिल करना ज्यादा लाभकारी होगा। कांग्रेस ने घोषणा की है कि सत्ता में आने पर वह जातीय जनगणना कराएगी और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आबादी के अनुपात में बजटीय आवंटन तय करने के लिए केंद्रीय कानून बनाएगी। विश्लेषकों की माने तो कांग्रेस की यह रणनीति अभी भी कई विरोधाभासों से घिरी है। एक तरफ पार्टी ओबीसी और दलित समाज को साधने की बात कर रही है तो दूसरी ओर उसे उन्हीं वर्गों के वोट बैंक पर कब्जा जमाए क्षेत्रीय दलों से चुनौती का सामना करना पड़ेगा। बिहार में आरजेडी और यूपी में सपा की ओबीसी विशेषकर यादव समाज पर मजबूत पकड़ है, जिसे तोड़ पाना कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा। कांग्रेस कभी मुस्लिम, दलित और ब्राह्मणों की पसंदीदा पार्टी हुआ करती थी, लेकिन समय के साथ उसने इन समाजों का भरोसा खो दिया। आज वही समुदाय क्षेत्रीय दलों की छांव में सियासी सुरक्षा महसूस करते हैं। कांग्रेस की पिछली गलतियों जैसे मुस्लिम नेताओं की उपेक्षा और दंगों पर चुप्पी ने उसकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। कुल मिलाकर कांग्रेस की नई रणनीति में आत्मनिर्भरता की झलक तो दिखती है, लेकिन वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए, यह राह बेहद कठिन और समयसाध्य होगी। कांग्रेस को न सिर्फ जनता का विश्वास जीतना होगा, बल्कि क्षेत्रीय दलों के साथ प्रतिस्पर्धा में भी खुद को साबित करना होगा।
]]>सांसद अनुराग ठाकुर पर आगबबूला मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, मैं झुकूंगा नहीं
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Thu, 03 Apr 2025 11:09:28 +0000https://indoresamachar.net/?p=221580सांसद अनुराग ठाकुर पर आगबबूला मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, मैं झुकूंगा नहीं नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को राज्यसभा में पुष्पा फिल्म का डायलॉग बोलकर कहा कि वे झुकने वाले नहीं है। दरअसल, खरगे वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान बुधवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद ठाकुर ने उन पर जो बेबुनियाद आरोप लगाए हैं, अगर वे आरोप सही साबित होते हैं, तब वह खुद इस्तीफा दे दूंगा। खरगे ने कहा, “अनुराग ने कल दूसरे सदन (लोकसभा) में मुझ पर जो आरोप लगाए, उनसे मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है।” उन्होंने कहा कि वह भाजपा के इसतरह के हथकंडों के आगे नहीं झुकने वाले है। खरगे ने कहा, “अगर भाजपा के लोग मुझे डराकर झुकाना चाहते हैं, तब मैं कभी नहीं झुकूंगा। मैं टूट जाऊंगा लेकिन झुकूंगा नहीं। बता दें कि वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद ठाकुर ने आरोप लगाया था कि खरगे ने वक्फ की जमीन हड़पी है। इस बयान पर खरगे अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने बयान के लिए भाजपा सांसद से माफी मांगने की भी मांग की है। उन्होंने कहा, मेरा जीवन हमेशा एक खुली किताब की तरह रहा है। यह संघर्षों और लड़ाइयों से भरा रहा है। मैंने हमेशा सार्वजनिक जीवन में सर्वोच्च मूल्यों को बरकरार रखा है। राजनीति में करीब 60 साल बिताने के बाद, मैं ऐसी उम्मीद नहीं कर सकता हूं। कल, अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में मुझ पर पूरी तरह से झूठे और निराधार आरोप लगाए।
]]>बिहार चुनाव की बिसात और राहुल गांधी का इफ्तार में शामिल होना कितना अहम?
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Fri, 28 Mar 2025 09:27:04 +0000https://indoresamachar.net/?p=221100नई दिल्ली । रमजान के पाक महीने में इफ्तार पार्टी सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राजनीतिक मंच भी बन जाता है और बिहार चुनाव 2025 के करीब आते ही इसकी राजनीतिक अहमियत और बढ़ गई है। इस बार इफ्तार पार्टी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति ने कई नए राजनीतिक संकेत दिए हैं। खासतौर पर, इमरान प्रतापगढ़ी की ओर से आयोजित इस इफ्तार पार्टी में इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मौजूदगी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बरसों बाद किसी सार्वजनिक इफ्तार पार्टी में देखा गया। 2018 में, जब वह कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब उन्होंने खुद इफ्तार पार्टी आयोजित की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद वे इस तरह के आयोजनों से दूरी बनाए हुए थे। अब अचानक इस इफ्तार पार्टी में उनकी उपस्थिति को बिहार चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार के सियासी समीकरण? बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने हैं, और राज्य में मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा प्रभाव है। नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों इफ्तार पार्टी कर चुके हैं, लेकिन दोनों की दावतों में कुछ न कुछ राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाते दिखे। लालू यादव की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस ने दूरी बना ली, जिससे गठबंधन में तनाव की अटकलें लगाई जाने लगीं। नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार मुस्लिम संगठनों ने किया, क्योंकि वे वक्फ संशोधन बिल से नाराज थे। इमरान प्रतापगढ़ी की इफ्तार और इंडिया ब्लॉक की एकजुटता दिल्ली में हुई इमरान प्रतापगढ़ी की इफ्तार पार्टी को खास माना जा रहा है, क्योंकि इसमें इंडिया ब्लॉक के कई बड़े नेता शामिल हुए। राहुल गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को राहुल गांधी के पास बैठे देखा गया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, एनसीपी सांसद फौजिया खान और जया बच्चन भी इस पार्टी में शामिल हुईं। खास बात यह रही कि इफ्तार में आए सभी नेताओं को संविधान की एक प्रति भेंट की गई। क्या यह बिहार में इंडिया ब्लॉक की मजबूती का संकेत है? जिस दिन कांग्रेस ने बिहार में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, उसी दिन लालू यादव की इफ्तार पार्टी हुई थी। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने उसमें शामिल होने से परहेज किया। अब राहुल गांधी इमरान प्रतापगढ़ी की इफ्तार पार्टी में इंडिया ब्लॉक के नेताओं के साथ नजर आए, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि गठबंधन को बिहार चुनाव से पहले मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली चुनाव के दौरान तल्खी देखने को मिली थी, लेकिन इस इफ्तार पार्टी में आप नेता संजय सिंह और राहुल गांधी को साथ देखा गया, जिससे गठबंधन की संभावनाएं फिर से मजबूत होती दिख रही हैं। बिहार चुनाव में मुस्लिम वोटों पर टिकी है नजर बिहार में मुस्लिम मतदाता 16-17प्रतिशत के आसपास हैं, और वे चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू तीनों दल इस वोट बैंक को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस की रणनीति नीतीश और लालू से अलग मुस्लिम समुदाय में अपनी सीधी पैठ बनाना हो सकती है।
]]>पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संग राहुल ने की बैठक
https://indoresamachar.net/?p=219584
Fri, 07 Mar 2025 08:54:35 +0000https://indoresamachar.net/?p=219584राहुल गांधी का गुजरात दौरा: कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की तैयारी अहमदाबाद । लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस लीडर राहुल गांधी दो दिन के दौरे पर गुजरात पहुंचे हैं। इस बीच एयरपोर्ट पर राहुल गांधी का अनेक नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। दो दिन वे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों की मैराथन सीरीज करेंगे। इसी बीच राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस दफ्तर में मीटिंग की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस ऑफिस में एक महत्वपूर्ण बैठक की है। इस दौरान उनके साथ संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, गुजरात प्रभारी मुकुल वासनिक और प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल मौजूद थे। 9 घंटे में 5 बैठकें करेंगे राहुल राहुल गांधी गुजरात में कांग्रेस को मजबूती देने के लिए 9 घंटे में 5 महत्वपूर्ण बैठकें करने जा रहे हैं। इन बैठकों में वे प्रदेश नेताओं, जिला-स्तरीय पदाधिकारियों और वार्ड अध्यक्षों से मुलाकात करेंगे और आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए संगठन की रणनीति पर चर्चा करेंगे। दशकों बाद गुजरात में कांग्रेस अधिवेशन 8 और 9 अप्रैल को गुजरात में कांग्रेस का महाधिवेशन होने जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस का आखिरी अधिवेशन 1961 में भावनगर में हुआ था। 64 साल बाद गुजरात कांग्रेस का इतना बड़ा आयोजन कर रही है। इसी वजह से राहुल गांधी संगठनात्मक तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। यहां बताते चलें कि गुजरात में कांग्रेस की पकड़ लगातार कमजोर होती गई, जिसे मजबूती देने राहुल गांधी यहां पहुंचे हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केवल 17 सीटें ही जीत पाई थी, जबकि 2017 में उसे 77 सीटें मिली थीं। ऐसे में राहुल गांधी का यह दौरा गुजरात में पार्टी को पुनर्जीवित करने की एक कोशिश माना जा रहा है।
]]>बैठक बाद बोले खड़गे, केरल में बदलाव तय……पार्टी के खिलाफ बयानबाजी पर होगी सख्त कार्रवाई
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Sat, 01 Mar 2025 06:22:25 +0000https://indoresamachar.net/?p=219144नई दिल्ली । अगले साल होने वाले असेंबली चुनावों को लेकर कांग्रेस ने रणनीति बनाने और उस पर काम करना तेज कर दिया है। खासकर असम और केरल में सत्ता वापसी की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार शाम को कांग्रेस के नए मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक के दौरान पार्टी नेतृत्व ने केरल के नेताओं को सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की सलाह दी और चेतावनी दी कि अगर किसी ने अनुशासन तोड़ा या पार्टी विरोधी बयान दिए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक में प्रियंका गांधी और शशि थरूर भी शामिल थे। बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि केरल में बदलाव तय है और कांग्रेस अपने यूडीएफ गठबंधन को सत्ता में लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। राहुल गांधी ने भी इस बैठक को सार्थक बताते हुए कहा कि कांग्रेस केरल के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक के बाद पार्टी प्रभारी दीपा दासमुंशी और केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को जानकारी दी कि हाईकमान ने नेताओं से पार्टी अनुशासन बनाए रखने और आपसी समन्वय से काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की सोच को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार, बैठक में शशि थरूर के हालिया मीडिया बयानों पर भी चर्चा हुई और स्पष्ट निर्देश दिए गए कि पार्टी लाइन से अलग कोई भी बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए।
]]>महाराष्ट्र में 11 बीजेपी विधायकों को मिली अहम विधान समितियों की जिम्मेदारी
https://indoresamachar.net/?p=219023
Thu, 27 Feb 2025 02:10:19 +0000https://indoresamachar.net/?p=219023-शिवसेना-एनसीपी का कब खत्म होगा इंतजार मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा की समिति के विभाजन की घोषणा कर दी गई है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 11 विधायकों को विभिन्न समितियों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। हालांकि, महायुति के सहयोगी दल शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के विधायकों को अब तक समितियों में स्थान नहीं मिला है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, भाजपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और विधायक रणधीर सावरकर के नेतृत्व में इन विधायकों को इन समितियों में नियुक्त किया गया है। समितियों में जगह पाए 11 बीजेपी विधायकों में – सार्वजनिक उपक्रम समिति – राहुल कुल, पंचायत राज समिति – संतोष दानवे-पाटिल, आश्वासन समिति – रवि राणा, अनुसूचित जाति कल्याण समिति – नारायण कुचे, अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति – राजेश पाडवी, महिला अधिकार और कल्याण समिति – मोनिका राजले, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति – किसन कथोरे, मराठी भाषा समिति – अतुल भातखलकर, विशेष अधिकार समिति – राम कदम, धर्मादाय निजी अस्पताल जांच समिति – नमिता मुंदडा एवं विधायक निवास व्यवस्था समिति – सचिन कल्याणशेट्टी हैं। इस कदम को भाजपा विधायकों के लिए राजनीतिक रूप से पुनर्वास के अवसर के रूप में देखा जा रहा है, विशेष रूप से उन विधायकों के लिए जो मंत्री पद से वंचित रह गए थे। हालांकि, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी के नेता अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महायुति के हर सहयोगी दल को विधायी समितियों में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सत्ता के वितरण को लेकर किसी भी प्रकार की रस्साकसी नहीं हो रही है। शिवसेना और एनसीपी के पास 9-9 समितियां महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 29 विधायी समितियां हैं, जिनमें से भाजपा ने पहले ही 11 महत्वपूर्ण समितियों पर दबदवा कायम कर लिया है। वहीं, शिवसेना और एनसीपी के पास 9-9 समितियां हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना और एनसीपी को उनके समिति सदस्यों के नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा है, लेकिन अब तक उन्होंने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
]]>जब सीएम योगी ने दिया जापानी भाषा में भाषण
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Tue, 24 Dec 2024 12:25:37 +0000https://indoresamachar.net/?p=214475लखनऊ । उत्तर प्रदेश ने जापानी डेलीगेशन के साथ लखनऊ में सीएम आवास पर जापान के यामानाशी प्रांत के साथ एमओयू पर साइन किए। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ ऐसा किया, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। सीएम योगी ने अपने भाषण की शुरुआत जापानी भाषा में की। उनका भाषण करीब दो मिनट तक चला और वह काफी सहज दिखे और अपनी बात कहते हुए मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने जापानी भाषण में कहा कि मिना सान कोन-नीची वा यामानाशीकेन नो गेनकोऊ नो चिजी नागासाकी कोटारोऊ सामा तो चिइमु, कामी सामा गौतामु बूदा नो सेइची ना उत्तारु पूरादेशु शू ए, कोकाकरो कारा कांगगेई ईताशिमासु। इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने भारत और जापान के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि भारत और जापान बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हैं। राज्य सरकार जापानी कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है। उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं वाला राज्य है। इस एमओयू के बाद भारत और जापान के बीच संबंधों को नई मजबूती मिलने जा रही है।
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