हर्षोउल्लास के साथ मनाई गई नृसिंह जयंती

निकाली गई विशाल शोभायात्रा, 5 क्विंटल दूध से किया गया अभिषेक
जयपुर । छोटी कांशी के नाम से प्रद्धि गुलाबी नगरी में सदियों से चली आ रही परंपराएं आज भी जीवंत है बुजुर्गो के साथ युवा पीढी भी इन परंपराओं का निर्वहन करने में योगदान दे रही है यही कारण रहा कि सदियों से वैशाख शुक्ल चर्तुदशी के दिन नृसिंह जयंती पर गांवों में ही नहीं, बल्कि शहरों में मंदिरों में हिरण्यकश्यप, भवन प्रहलाद व नृसिंह भगवान द्वारा खंभ फाड लीला का मंचन किया गया। इस मौके पर मुखोटे धारण करवाकर सवारी निकाली जाती है इन्हें देखने के लिए हजारों लोग जुटते है इन्हें देख कर अनांदित होने के लिए हजारों लोग जुटते है यही कारण है कि आज भी यह परंपराएं जीवंत है।
भगवान ने नृसिंह के अवतार लेकर दुष्ट हिरण्यकश्यप से भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी इस वजह से बडी संख्या में लोग अपने बच्चों को बुरी नजर से बचने के लिए नृसिंह भगवान से आर्शीवद दिलाने के लिए आते है लोग अपने बच्चों को नृसिंह भगवान के स्वरूप को गोद में देकर आर्शीवाद दिलवाते है लीला के दौरान भगवान की जटा से गिर बालों से लोग बुरी नजर से बचने के लिए ताबीज भी बनवाते है। पुरानी बस्ती बंसी वाले बाबा की अगीची नृसिंह मंदिर में नृसिंह जयंती महोत्सव के तहत हाथी, घोडे, ऊंट, बग्धी और बैंड बाजे के साथ भव्य विशाल शोभायात्रा निकाली गई। मंदिर महंत अवधेश दास महाराज ने बताया कि 5 क्विंटल दूध से नृसिंह भगवान का अभिषेक किया गया इसके अलावा पंचामृत और फलों के रसो से भी भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद सीताराम मंदिर से नृसिंह भगवान की रथ यात्रा भी निकाली गई वहीं 301 महिलाएं सिर पर मंगल कलश लिए सम्मिलित हुई। जाट के कुएं का रास्ता स्थित नृसिंह महाराज मंदिर में नृसिंह लीला और वराह लीला का आयोजन किया गया मंदिर महंत श्याम सुंदर शर्मा ने ताया कि नृसिंह भगवान का दूध से अभिषेक किया गया है।
अशोक शर्मा/ 5 बजे/ 17 मई , 2019