भोपाल । मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए जल्द ही खुशखबरी आ सकती है। केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत कर दिया गया है, वहीं प्रदेश के कर्मचारियों को फिलहाल 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। अब प्रदेश के कर्मचारियों की ओर से इसे बढ़ाने की मांग की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के स्थापना दिवस (1 नवंबर) पर महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं। इस दिशा में वित्त विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
प्रदेश के सात लाख से अधिक नियमित कर्मचारी, साथ ही निगम और मंडलों के कर्मचारी, जुलाई 2023 से 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं। पांचवें और छठे वेतनमान वाले कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में भी इसी दर से वृद्धि की गई थी। जुलाई 2023 से फरवरी 2024 के बीच का एरियर तीन किस्तों में दिया गया, जबकि पेंशनरों की महंगाई राहत मार्च 2024 से बढ़ाई गई, लेकिन उन्हें एरियर नहीं मिला।
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जनवरी 2024 में ही 4 प्रतिशत की वृद्धि कर दी थी, जिससे अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को भी इसका लाभ जनवरी से मिल रहा है। अब केंद्र ने महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाकर 53 प्रतिशत कर दिया है। इस प्रकार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में 7 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता मिल रहा है, जिसे बढ़ाने की मांग कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से की है।
एक नवंबर को हो सकती है घोषणा
प्रदेश के स्थापना दिवस (1 नवंबर) के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि, इसका लाभ जनवरी 2024 से दिया जाएगा या अक्टूबर से, यह फैसला होना बाकी है। वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछली बार की तरह इस बार भी एरियर तीन किस्तों में दिया जा सकता है। पेंशनरों को लेकर स्थिति अभी भी अस्पष्ट है। पिछली बार का एरियर देने पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि पेंशनरों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाकर 50 प्रतिशत की दर से दिया जाएगा, लेकिन यह अक्टूबर से लागू होगा या जनवरी 2024 से, इसका फैसला बाद में किया जाएगा।
58 प्रतिशत की दर से बजट में प्रविधान
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में महंगाई भत्ते और राहत के लिए 58 प्रतिशत की दर से प्रविधान किया है। वर्तमान में 46 प्रतिशत की दर से भुगतान हो रहा है, जिससे यदि 12 प्रतिशत की वृद्धि भी होती है तो इसके लिए अलग से बजट प्रविधान की आवश्यकता नहीं होगी। अगले बजट वर्ष 2025-26 के लिए यह प्रविधान 64 प्रतिशत के हिसाब से किया जाएगा, जिसके लिए सभी विभागों को अपने स्थापना व्यय में राशि प्रस्तावित करने के निर्देश दिए गए हैं।