प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए निरन्तर प्रयासरत: किशन कपूर

कहा………प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद कर रही मेधा प्रोत्साहन योजना
धर्मशाला,(ईएमएस)। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर विकास के लिए बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के उत्थान में शिक्षा की अहम भूमिका को भली भांति समझते हुए प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में ढ़ाचागत विकास पर बल दे रही है। सभी विद्यार्थियों का गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के साथ उनके सर्वागींण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। इस वित्तिय वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 7044 करोड़ रूपये बजट का प्रावधान किया गया है।
किशन कपूर आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डाढ़ मे भारत के विज्ञान और प्रौद्यागिकी मंत्रालय के तहत उपनिदेशक, उच्च शिक्षा विभाग धर्मशाला के तत्वावधान में इंसपायर एवार्ड मानक कार्यक्रम के तहत चार दिवसीय जिला स्तरीय प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के उपरांत बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रोजैक्ट के लिए स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया, स्वस्थ भारत, डिजीटल इंडिया तथा आपदा प्रबन्धन विषय सुझाए गये थे।
इस चार दिवसीय जिला स्तरीय प्रदर्शनी व परियोजना प्रतियोगिता में कांगड़ा के 428 तथा चम्बा के 28 सरकारी, प्राईवेट तथा केन्द्रीय विद्यालय के बच्चे भाग ले रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने बच्चों द्वारा लगाई गई मॉडल प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न विद्यालयों से पहुंचे प्रतिभागी छात्रों के बनाए गये प्रोजेक्टों का निरीक्षण कर होनहारों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है। इसीलिए यह जरूरी है कि बच्चे इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़ भाग लें। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में नई खोज की भावना पैदा करना है। उन्होंने कहा कि बाल विज्ञान कॉग्रेस सरीखे कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करना और अपनी दिनचर्या में विज्ञान की भूमिका को समझना व उपयोग में लाने की प्रवृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवा छात्र-छात्राओं को अपनी वैज्ञाानिक प्रतिभा को विस्तार देने का अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने नन्हंे वैज्ञानिकों को उनके सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद कर रही मेधा प्रोत्साहन योजना
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद कर रही है, ताकि उचित मार्गदर्शन के अभाव में अथवा आर्थिक तंगी के कारण किसी भी विद्यार्थी की तैयारी प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को जेईई मेन, एनईईटी इत्यादि परीक्षाओं तथा अन्य उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश हेतू कोचिंग की आवश्यकता होती है। इसके अलावा महाविद्यालय से निकले हुए छात्रों को रोजगारपरक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जरूरत होती है। उन्होंने कहा इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार ‘‘मेधा प्रोत्साहन योजना’’ शुरू की है। इसके तहत बच्चों को राज्य में अथवा राज्य से बाहर कोचिंग के लिए सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार ने इसके लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
कहा……विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक की अहम भूमिका
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने अध्यापकों से बच्चों की वैज्ञानिक बुद्धि एवं प्रतिभा को निखारने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को विज्ञान विषय को अधिक रोचक तरीके से पढ़ाए ताकि विज्ञान विषय में उनकी रूचि में बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के ग्रामीण एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में बच्चों को घरद्वार पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक की भूमिका बेहद अहम होती है। शिक्षक बच्चों को ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उनको जीवन के विविध क्षेत्रों में सफलता की राह दिखाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश के स्कूलों में विज्ञान मेलों द्वारा बच्चों की वैज्ञानिक बुद्धि को निखारने का मौका मिल रहा है, जिससे बच्चे कुछ न कुछ नया सीखते हैं।
बच्चों को नशे की बुराई से दूर रहने का किया आह्वान
कपूर ने बच्चों को नशे की बुराई से दूर रहने तथा अन्य बच्चों को भी इस बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि छात्र पश्चिमी सभ्यता के बजाए देश की समृद्ध संस्कृति का अनुसरण करें तथा सादा व्यवहार और उच्च विचार की परिपाटी का अनुसरण कर अच्छे नागरिक बनें। नेे कहा कि युवाओं को देश का उत्तरदायी नागरिक बनाने एवं उन्हें विभिन्न सामाजिक बराईयों से दूर रखने के लिए अभिभावकों तथा अध्यापकों को भी अपनी भूमिका का निर्वहन उचित प्रकार से करना होगा। बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करने में भी शिक्षक अपना योगदान सुनिश्चित करें ताकि बच्चे देश तथा समाज का नाम रोशन कर सकें।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा उपनिदेशक केके शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा जिला स्तरीय प्रदर्शनी व परियोजना प्रतियोगिता बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले छात्र व छात्राएं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
इस अवसर पर कार्यक्रम की समन्वयक आयशा नेगी ने प्रतियोगिता बारे विस्तार से बताया।
इस दौरान पर स्कूली बच्चों द्वारा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए। उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपनी एच्छिक निधि से 21 हजार रुपये देने की घोषणा की।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा बोर्ड की अतिरिक्त सचिव रेखा कपूर, रावमापा डाढ़ के प्रधानाचार्य विजय कुमार, डाढ़ की प्रधान सरला देवी, एक्स प्रधान मुन्शी राम सहित विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, अध्यापक तथा बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे।