सिगनेचर ब्रिज परियोजना को लटकाने राजग सरकार ने की हर कोशिश: केजरीवाल

नयी दिल्ली, 04 नवम्बर(वार्ता) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सिगनेचर ब्रिज परियोजना को विलंबित करने के लिए केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार जितना कर सकती थी, उसने वह किया।
श्री केजरीवाल ने रविवार को वजीराबाद के समीप यमुना नदी पर नवनिर्मित सिगनेचर ब्रिज का लोकार्पण किया।
इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने परियोजना को लंबित रखे जाने के मकसद से दिल्ली सरकार के अधिकारियों , इंजीनियरों और अन्य अधिकारियों तथा परियोजना से जुड़े लोगों को अलग-अलग तरीकों से धमकियां दी , लेकिन केद्र सरकार की ओर से विरोध के तमाम हथकंडों के बावजूद सिगनेचर ब्रिज ने अंतत: आकार ले लिया और यह जनता के लिए सुलभ हो गया , जिसके लिए वह बहुप्रतीक्षित थी।
उन्होंने सरदार पटेल के 182 मीटर ऊंचे स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को लेकर भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने आईआईटी और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया जैसे संस्थानों के बगैर भी ऐसी मूर्तियां बनवायी थी। उन्होंने कहा , “ यह नेहरू जी का दृष्टिकोण था कि कैसे देश की नींव रखी जा सकती है। वह विज्ञान, अभियांत्रिकी और तकनीकी के विकास को जेहन में रखते थे , जोकि किसी देश और देश की जनता के विकास का वास्तविक आधार होता है।”
मुख्यमंत्री ने जनता से आह्वान किया , “ जो भी पार्टी आपसे वोट देने के लिए कहे, आप उनसे पूछे कि ऐसे कितने अस्पताल हैं जो उन्होंने बनवाई है , कितने स्कूल , कितने पुल बनाये गये हैं।” उन्होंने कहा, “ आधुनिक भारत का निर्माण विज्ञान , तकनीकी और इंजीनियरिंग के विकास के संस्थान बनाये जाने से होगा। वह जब कभी ब्रिज के बारे में सोचते हैं , तब प्रगति के प्रतीक पंडित नेहरू उन्हें याद आ जाते हैं। ”
उन्होंने कहा कि अब हमारे लिए यह निर्णय लेने का समय है कि हमें अच्छे पुल चाहिए अथवा अच्छी मूर्तियां।
श्री केजरीवाल ने कहा, “ मैं सिगनेचर ब्रिज के लिए दिल्ली की जनता को बधाई देना चाहूंगा। ”
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसाेदिया ने अपने संबोधन में कहा, “ इंडिया गेट, लाल किला और अन्य स्मारकों समेत विभिन्न स्थलों के लिए सब दिल्ली को जानते हैं , लेकिन अब समूचे विश्व के लोग सिगनेचर ब्रिज के नाम पर दिल्ली को जानेंगे।”
टंडन
वार्ता