भोपाल (ईएमएस)। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब कमलनाथ के सामने सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल गठन की है। शपथ के अगले 2 दिनों में उन्हें मंत्रिमंडल सदस्यों के नाम फाइनल करना होंगे। इसमें कमलनाथ के ऊपर जातीय, गुटीय और लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए चयन करना सबसे कठिन होगा।
कमलनाथ ने इस संबंध में पिछले 3 दिनों काफी गहन मंथन कर लिया है। उन्होंने क्षेत्रीय क्षत्रपों से भी मंत्रिमंडल में शामिल करने वाले लोगों के नाम ले लिए हैं। इसके साथ ही मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए भी नामों पर मंथन हुआ है। अब 2 दिन के अंदर मंत्रिमंडल के सदस्यों की सूची को हाईकमान की स्वीकृति लेकर उन्हें शपथ दिलाना, कमलनाथ की प्रथम प्राथमिकता में होगा।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कमलनाथ को मध्य प्रदेश के सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व देना है। विंध्य अंचल में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली है। जिसके कारण यह माना जा रहा है कि वहां से किसी शीर्ष नेता को मंत्री बनाकर 6 माह के अंदर चुनाव कराया जाए। कमलनाथ ने सभी अंचलों और सभी जाति समुदाय को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रिमंडल के सदस्यों के चयन करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए उन्होंने अपने सभी सहयोगियों और कांग्रेस के विभिन्न नेताओं से चर्चा भी की है।
एसजे/गोविन्द/17दिसम्बर