अयोध्या 22 नवम्बर(वार्ता)विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से साधु संतों द्वारा आयोजित धर्मसभा के मामले में टिप्पणी वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष राजभर को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।
विहिप ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वालों को भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार में बना नही रहना चाहिये है।
विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने गुरूवार को यहां कहा कि श्री राजभर सत्ता में रहते हुये भी अपने बयाने से कई बार सरकार को असहज करते रहते है। उन्होने मुख्यमंत्री से श्री राजभर को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की। उन्होने कहा कि एक गैर जिम्मेदार व्यक्ति ही साधु – संतों के खिलाफ अपमानजनक बयान दे सकता है। संतों में से एक मुख्यमंत्री होता है। वे साधु और संतों के खिलाफ कैसे टिप्पणी कर सकते है। साधु और संतों का अपमान करना उनके चरित्र को दर्शाता है। उनकी टिप्पणी हिंदू धर्म पर उनके विश्वास को दर्शाती।
उन्होने कहा कि यदि उन्हें मंत्रिमंडल से नही हटाया गया तो साधु संत नाराज हो जायेंगे। विहिप नेता ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण किसी भी कीमत पर किया जाएगा। बाधायें उत्पन्न करने वाले श्री राजभर जैसे लोगों को रामभक्त हनुमान द्वारा रास्ते से हटा दिया जायेगा।
गौरतलब है कि बुधवार को प्रयागराज में श्री राजभर ने एक बयान में कहा था कि राम मंदिर मुद्दे पर विहिप और भाजपा राजनीति कर रहे है। उन्होने कहा कि साधु और संतों को अयोध्या में आयोजित धर्मसभा में भाग नही लेना चाहिये। श्री राजभर पिछले एक साल से अपनी सरकार के खिलाफ विवादित बयान देते आ रहे है। इस मामले में भाजपा ने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया हैं।
भंडारी
वार्ता