चुनाव बुधनी तस्वीर दो अंतिम बुधनी

श्री चौहान का परिवार प्रचार अभियान के दौरान जहां राज्य की चौहान सरकार की उपलब्धियां और बुधनी में हुए विकास कार्यों का जिक्र करता हैं, वहीं श्री यादव और उनके समर्थक नर्मदा नदी में रेत का अवैध उत्खनन और अन्य सरकार की अन्य विफलताएं लोगों को बता रहे हैं। हालाकि इनका बातों का मतदाताओं पर कितना असर पड़ा है, इस बात का खुलासा 11 दिसंबर को नतीजे आने के बाद होगा। 28 नवंबर को इस क्षेत्र में मतदान के साथ ही सभी पंद्रह प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगा। कुल पंद्रह में से सात प्रत्याशी निर्दलीय भी हैं, हालाकि मुख्य मुकाबला श्री चौहान और श्री यादव के बीच ही है।
राजनैतिक प्रेक्षकों का कहना है कि बुधनी विधानसभा क्षेत्र में मौजूद लगभग बीस हजार यादव मतदाता और लगभग इतने ही आदिवासी मतदाता कांग्रेस के लिए उम्मीद की बड़ी किरण हैं। और शायद जातिगत समीकरणों को साधते हुए ही कांग्रेस ने श्री यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में श्री चौहान ने 84 हजार से अधिक मतों से रिकार्ड विजय हासिल कर कांग्रेस के डॉ महेंद्र सिंह चौहान को पटखनी दी थी। मुख्यमंत्री ने अपने क्षेत्र में बिजली के अलावा सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही लोगों की घरों तक सीधे नर्मदा नदी का पानी पाइपलाइन के सहारे पहुंचाने का काम किया है। श्री चौहान के पुत्र कार्तिकेय भी लगभग एक वर्ष से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
बुधनी के कुछ ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं में एक दो बार नाराजगी भी कैमरों में कैद होकर सार्वजनिक हुयी। मतदाताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री की विकास योजनाओं का लाभ शहरी इलाकों तक ही सीमित है। ऐसे लोगों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में कुछ भी काम नहीं हुआ है, उन्हें अब भी अपने इलाकों में विकास का इंतजार है।
श्री चौहान बुधनी से 1990 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने थे। हालाकि इसके बाद वे विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाते रहे। नवंबर 2005 में तत्कालीन राजनैतिक परिस्थितियों के चलते सांसद श्री चौहान श्री बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने। श्री चौहान ने वर्ष 2006 के बुधनी विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की और उसके बाद उन्होंने 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में भी लगातार विजय का परचम फहराया। श्री चौहान एक बार फिर अपनी जीत के प्रति आशांवित नजर आते हैं, वहीं श्री यादव को भरोसा है कि इस बार बुधनी की जनता परिवर्तन कर इतिहास लिखेगी।
सं सतीश प्रशांत
वार्ता