लखनऊ 03 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोरक्षकों और पुलिस के बीच हुयी झड़प में पुलिस अधिकारी समेत दो लोगों की मृत्यु के मामले में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि सूबे की बदहाल कानून व्यवस्था का इससे ज्वलंत उदाहरण क्या होगा कि थानो और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है वहीं कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुये कहा कि सरकार की अर्कमण्यता का यह जीवंत प्रमाण है जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की विफलता पर लगातार उठाये जा रहे सवालों की पुष्टि होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुलंदशहर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये स्याना के थाना प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में भय और दहशत का वातावरण बन गया है। प्रदेश की सत्तारुढ़ भाजपा सरकार के शासन में थाने भी सुरक्षित नहीं रह गये है। पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश में पूरी तरह जंगलराज आ गया है। लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाओं से लोग डरे हुए है। प्रदेश सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है जिसके कारण प्रदेश का सौहार्द एवं सामाजिक सद्भाव बिगड़ रहा है। भाजपा का एजेण्डा समाज का बंटवारा करने का है। बीस माह के भाजपा कार्यकाल में जान-माल की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रह गयी है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 उमाशंकर पाण्डेय ने आज जारी बयान में कहा कि स्याना क्षेत्र में जिस प्रकार से दंगाइयों ने थाने में घेरकर पत्थरबाजी, आगजनी के साथ ही साथ पुलिस इन्सपेक्टर की हत्या की वह घोर निन्दनीय है। साथ ही प्रदेश सरकार की अर्कमण्यता को दर्शाती है और कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की विफलता पर लगातार उठाये जा रहे सवालों की पुष्टि होती है।
उन्होने कहा कि जिलाधिकारी बुलन्दशहर द्वारा यह बताया जाना कि यह दंगा अवैध बूचड़खाने के चलते हुआ है बेहद हास्यास्पद है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रदेश के चुनावों के समय यह ऐलान किया था कि सत्ता में आते ही 24 घण्टे में सभी अवैध बूचड़खाने बन्द कर दिये जायेंगे, फिर यह अवैध बूचड़खाना कैसे चल रहा था।
गौरतलब है कि स्याना कोतवाली क्षेत्र में सोमवार को गोकशी के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित गौरक्षकों की भीड़ और पुलिस के बीच हुयी झड़प में कोतवाली निरीक्षक समेत दो लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये। मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिये गये हैं।