शिलांग, 13 दिसंबर (वार्ता) मेघालय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुदीप रंजन सेन ने कहा है कि भारत को आजादी के समय ही हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था।
उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, कानून मंत्री और सांसदों से ऐसा कानून बनाने को कहा जिससे पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से आये हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जैंतिया और गारो लोग भारत में रह सके और उन्हें यहां की नागरिकता दी जा सके।
न्यायमूर्ति सेन ने निवास प्रमाण पत्र से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “ मुझे लगता है कि अगर मैं मूल भारत और उसके विभाजन को सामने नहीं रखता हूं तो अपने कर्तव्य में असफल रहूंगा।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भराेसा जताते हुए कहा कि उनकी सरकार भारत को इस्लामिक देश नहीं बनने देने के लिए जरूरी कदम उठायेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राष्ट्र हित में उसका समर्थन करेंगी।
न्यायमूर्ति सेन ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह अपने उन मुसलमान भाइयों और बहनों के खिलाफ नहीं हैं जो भारत में कई पीढ़ियों से रह रहे हैं और यहां के कानून का पालन करते हैं। उन्हें यहां शांति से रहने दिया जाना चाहिए।
उन्होंने सरकार से सभी भारतीय नागरिकों की खातिर समान कानून बनाने का अनुरोध किया और कहा कि देश के कानून और संविधान का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिक नहीं माना जाना चाहिए।
यामिनी.श्रवण
वार्ता