तेरे मेरे सपने

कितने हंसी, कितने सुहाने, 

तेरे मेरे सपने, तेरे मेरे सपने।

हंसी वादियां, फुल मुस्काते, 

सब लगे अपने, सुहाने सपने।

जिंदगी की जंग में, तेरे संग में,

अनजान राहों में, तेरा साथ है। 

दिल का तराना, मेरा अफसाना, 

मेरी खुशियों में, तेरा ही हाथ है।

बहती बयार हो, गीतों की बहार हो।

संगीत सुहाना हो, मधुर झंकार हो। 

प्रेम भरी सरिता तुम, जलधार हो, 

प्रीत की बगिया, मोहक फुहार हो।

सपने सुरीले सारे, मीठे प्यारे प्यारे,

तेरे मेरे सपने, सनम तेरे मेरे सपने।

तेरी मेरी बातें मोहक, प्यारी प्यारी ,

तुम मेरे अपने, प्रिय तुम मेरे अपने।

गीत गजल भी, धुन भी हो तान भी,

होठों की मुस्कान, मधुरम गान भी।

तराना प्यारा सा, संगीत सितार भी,

स्वर हो तान हमारा, प्रिय प्यार भी।

हम सफर जिंदगी की, खिलती धूप,

तुम राजदार हो, पनघट सुहाना हो। 

तट सरिता का कोई, सदाबहार हो,

तुम हमारे इस, दिल का करार हो।

बहते झरने बहे, लगते सुंदर प्यारे,

तेरे मेरे सपने, सनम तेरे मेरे सपने।

सारे ख्वाब मधुर, सजीले दिलों के।

तार जोड़े अपने, ये तेरे मेरे सपने। 

रमाकांत सोनी नवलगढ़

जिला झुंझुनू राजस्थान