मुंबई । रूस और यूक्रेन के बीच लगातार जारी संघर्ष से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत एक दशक के शिखर पर जा पहुंची। तीन फीसदी से ज्यादा की तेजी लेते हुए इसका भाव 117 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। गौरतलब है कि ब्रेंट क्रूड के दाम में उबाल से भारतीयों की चिंता बढ़ गई है। इस संबंध में आई एक हालिया रिपोर्ट की मानें तो ओपेक प्लस देशों ने कच्चे तेल का उत्पादन न बढ़ाने के फैसला किया है। यही कारण है कि कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। जिस तरह कच्चा तेल की कीमतें बढ़ी है वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 2.67 फीसदी की तेजी लेते हुए 113.6 डॉलर प्रति बैरल हो गई। ब्रेंट क्रूड का भाव 2011 के बाद सबसे ज्यादा है। गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमतों में आ रहे उछाल का सबसे ज्यादा असर भारत पर दिखाई देगा। इसके कारण देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में बड़ी तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भी देश में बीते चार महीनों से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं। हालांकि इसके पीछे देश के पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव को कारण बताया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार 10 मार्च को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद देश में इनकी कीमत बढ़ सकती है।