छोटी बहनें छोटी कहां होती है
वह तो बड़े भाई से भी बड़ी होती हैं
चाहे खुद कितना भी झगड़ ले
कोई और कुछ कहे तो बस लड़ पड़ती है|
हिदायतों की वह होती है दुकान
उस जैसा मानो किसी को नहीं ज्ञान
मजाल है कोई आंख उठा कर देख ले
भैया का रहता उसे सदा गुमान|
पिता से उसकी कई बात है छुपाती
रात देर से आया है यह भी ना बताती है
भाई को यह किस्सा बता बता कर
बड़ा ही एहसान जताती|
भाई भी है बड़ा है अकड़ता
दिखावे के लिए सिर्फ झगड़ता
होती है जब बहन की विदाई
सबसे छुप-छुपकर वह है रोता|
ना हो घर में भाई बहन
सुना सा लगता है घर आंगन
बड़ा ही प्यारा रिश्ता है
बड़ा ही मोहक है बंधन|
सविता सिंह मीरा
झारखण्ड जमशेदपुर