चिप आधारित पासपोर्ट के लिए टीसीएस सभी जरूरी तैयारी कर चुकी है
नई दिल्ली (ईएमएस)। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) इस साल के आखिरी तक चिप बेस्टड ई-पासपोर्स लाने पर विचार कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक टीसीएस इसके लिए सभी जरूरी तैयारी कर चुकी है। देश की ये दिग्गज आईटी कंपनी भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर एक नया कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है। विदेश मंत्रालय ने टीसीएस के साथ 10 साल की पीएसकी डील को साल की शुरूआत में रिन्यू किया था। इस डील की वैल्यू 6000 करोड़ रुपए है। इसे पासपोर्ट प्रोजक्ट का सेकंड फेज माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक, यह पासपोर्ट प्रोजेक्ट टीसीएस के लिए काफी अहम है क्योंकि इसे कंपनी के लिए अब तक का सबसे बड़ा ई-गवर्नेंस प्रोग्राम माना जा रहा है। सामान्य तौर पर नया ई-पासपोर्ट और रेगुलर पासपोर्ट एक जैसा ही लगेगा लेकिन इसमें काफी अन्तर है।
ड्राइविंग लाइसेंस जैसा लगने वाले इस नए पासपोर्ट में एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा होता है। इसमें सभी जरूरी जानकारियां जैसे नाम, जन्मतिथि, पता फीड होती हैं। इसकी मदद से आपकी यात्रा की जानकारी कम समय में और आसानी से मिल सकती है। इसके अलावा ई-पासपोर्ट में एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) और एक एंटीना भी लगाया गया है। पासपोर्ट की सभी जानकारी डेटा पेज पर भी प्रिंटेड रहती है और चिप में भी स्टोर रहती है। इस नए ई-पासपोर्ट की वजह से फेक पासपोर्ट्स का सर्कुलेशन कम होने की संभावना है। पासपोर्ट के साथ छेड़छाड़ यानी डेटा टैंपरिंग जैसी चीजें मुश्किल हो जाएंगी। घुसपैठियों पर भी रोक लगाई जा सकेगी। इलेक्ट्रोनिक चिप की वजह से सरकार पासपोर्ट के आइडेंटिटी वेरिफिकेशन लेवल को भी बढ़ा सकेगी।