बताओ कहाँ मिलेगें राम ।
अवध कि गलियाँ सरयू के तट ,
घट घट खोजूँ राम ।
बताओ कहाँ मिलेगें………..
तीरथ तीरथ मंदर मंदर ,
घर के बाहर घर के अंदर ,
दर दर खोजूँ राम ।
बताओ कहाँ मिलेगें………..
केवँट के पुरवे में खोजूँ ,
शबरी की कुटिये में खोजूँ ,
बन बन खोजूँ राम ।
बताओ कहाँ मिलेगें………..
खग में खोजूँ मृग में खोजूँ ,
भवँरों की गुंजन में खोजूँ ,
कहीं मिले ना राम ।
बताओ कहाँ मिलेगें…………
खोज खोज कर थाका जब मैं ,
मन के अन्दर झाँका तब मैं ,
मिल गए मेरे राम ।
ये देखो मन मंदिर में राम ।
बताओ कहाँ मिलेगें………..
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
आरा, भोजपुर, बिहार
मो.नं. 8210058213