प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 2000 किलोमीटर सड़कें, जर्जर -इन सड़कों का कोई धनी-धोरी नहीं

भोपाल। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पहले चरण में मध्यप्रदेश में जो सड़कें बनाई गई थी। उनकी मरम्मत की अवधि खत्म हो चुकी है। सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कौन करेगा।इसकी जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकार लेने को तैयार नहीं है। जिसके कारण ग्रामीण सड़क योजना से शहर तक पहुंचना लोगों के लिए बड़ा मुश्किल हो गया है।
जब प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण हुआ था। इसमें केंद्र सरकार का 100 फ़ीसदी अंशदान था। दूसरे और तीसरे चरण में इन्हीं सड़कों में से कुछ गांव की नई सड़कें भी जुड़ गई।
मध्य प्रदेश रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने, पहले चरण में बनी सड़कों को राज्य शासन को सौंप दिया है। राज्य शासन का लोक निर्माण विभाग इन सड़कों का अधिग्रहण नहीं कर रहा है। जिसके कारण अब इनकी मरम्मत का काम भी नहीं हो पा रहा है।
मध्य प्रदेश के मंडला, छिंदवाड़ा, सिंगरौली, बैतूल, बड़वानी, खंडवा, छतरपुर, सिवनी, कटनी, बुरहानपुर, झाबुआ, बालाघाट,शहडोल और गुना जिले की सड़कें जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तैयार हुई थी। मध्य प्रदेश का लोक निर्माण विभाग इन सड़कों का अधिग्रहण नहीं कर रहा है। वहीं मध्य प्रदेश रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने भी राज्य शासन को कागजों पर सड़क सौंपने की कार्यवाही कर, मरम्मत से पल्ला झाड़ लिया है।खामियाजा आम आदमियों को भुगतना पड़ रहा है।