तड़फती रूहों का दर्द

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आज़ादी क्या है 

आओ आजाद   

देश की महिलाओं की  

स्थिति को छोटे से 

आइने की नजर से देखते हैं 

उनकी वस्तुस्थिति को कुछ पल के  

लिए निहार लेते हैं 

हम तब आजाद थे या गुलाम 

हमारी एक पीढ़ी ने लड़ाई लड़ी 

तब देश आजाद हुआ

सिर्फ कुछ नेताओं की  

तुष्टि करण के लिए

क्या हम महिलाएं आज  

सच में आजाद हैं ?

हां, नहीं है हम महिलाएं आजाद

हमें कानून की लंबी 

प्रक्रिया से चाहिए आज़ादी

अब वो कानून पास होना चाहिए 

दर्द से तड़पती महिलाओं को

चौबिस घंटे के अंदर  

न्याय मिलना चाहिए 

जिन लड़कियों का रेप होता है  

या छोटी छोटी बच्चियों का  

शारीरिक शोषण होता है

या मणिपुर, राजस्थान जैसी  

असहनीय और निंदनीय 

घटना घटती है 

निर्भया तो चली गई  

न जाने कितनी लड़कियां   

अपनी अस्मत के दर्द को झेलती     

अंतिम सिसकियां लेकर 

दुनिया को अलविदा कह गई

सारे  दोषियों को यूं ही 

छोड़ दिया गया

नाबालिग कहकर 

जो इतना संगीन जुर्म  

कर रहा है वो कैसे 

नाबालिग हो सकता है ?

आज भी स्त्रियां 

स्त्री होने का दंश झेल रही है 

कहीं भी अकेले आते 

जाते डरती तो है 

इक नज़र ..

आजाद देश की महिलाओं पर 

नैना साहनी .. तंदूर में 

धू धू कर जला दी गई 

आरोपी आजीवन कारावास की 

सजा भुगत कर बाहर है 

दलील दी गई – जेल में

उसका व्यवहार अच्छा था

जेसिका लाल … 

लोगों के सामने गोली से मार दी गई

आरोपी .. 

आजीवन सजा काट कर बाहर है

अरूणा शानबाग- मुंबई की  

वो एक नर्स बहुत रोई थी  

उस दिन १५ मई 2015 को 

उनके बेइंतहा दर्द को आराम मिला 

जो बयालीस साल तक कोमा में रही 

 उसके साथ रेप  हुआ 

फिर उसके सर पर 

भारी लोहे की राड मारी गई  

कुछ दिन आरोपी जेल में …… 

फिर रिहा अपने गांव में आराम से है 

उफ्फ !!  

इन तड़पती रूहों के दर्द को 

कोई तो महसूस करो 

नारी होने की जिन्हें 

बेइंतहा सजा मिली है

आये दिन किसी महिला के 

36 टुकड़े किसी के 100 टुकड़े

कब तक यूं  

संवेदनशीलता को 

मारते रहेंगे

ऐ आजाद देश के रहनुमाओं  

अब तो कागजों के टुकड़ों पर 

ये नया कानून बना दो 

नारी भी  इस आज़ाद देश की                  

 एक स्वाभिमानी महिला है

उसे भी सहारा देकर शसक्त बना दो 

ये सब तो एक बानगी है 

जाने कितने केस तो  

कागजों पर आ ही नहीं पाते  

ओ मेरे भारत देश 

फिर भी आजाद हैं हम !

● प्रतिभा श्रीवास्तव 

अर्जुन इंक्लेव सोसायटी, फेस वन          

गुडंबा, लखनऊ ( उत्तर प्रदेश ) 

पिन- 226021