शुभागमन गणराज!!

★आशुतोष के लाड़ले,

मां गौरी के लाल।

कार्तिकेय के हो अनुज,

मंगलमूर्ति विशाल।।

★सिद्ध करो संकल्प सब,

सफल करो सब काज।

गृह-बगिया से हृदय तक,

शुभागमन गणराज।।

★ जय वक्रतुंड, जय महाकाय,

जय लंबोदर, जय गौर-तनय।

स्पर्श मात्र से कर देना हर,

मृदा-देह को मलय मलय।

दरबार सजाए बैठे सब,

सज्जित पूजन की थाली है।

दस दिवस करोड़ों भक्तों की,

होली, राखी, दीवाली है।

मां रिद्धि-सिद्धि के संग आप,

शुभ-लाभ साथ में ले आना।

हो विघ्न-हरण संकट हर के,

जीवन में मंगल भर जाना।

मंगल-प्रवेश कर रहे आप,

प्रभु गणनायक अभिनंदन है।

हो प्रथम-पूज्य स्वीकार करो,

श्रीचरणों में शुभ-वंदन है।।

                ■प्रणय प्रभात■

          श्योपुर (मध्यप्रदेश)