बेरोजगार, भूखा, बीमार
मज़दूर-किसान सब हैं लाचार
शिक्षित और अशिक्षित सारे
युवाओं के हाथों में घण्टी है
क्योंकि? मोदी जी की गारण्टी है
अब ये मोदी जी की गारण्टी है।
रिश्वतखोरी का रङ्ग है बदला
अब घोटाले का ढङ्ग है बदला
पहले बेईमान के सङ्ग ईमान था
अब ईमान का सङ्ग है बदला
खाने और खिलाने पर इनकी
अलग-अलग तरह की पाबन्दी है
क्योंकि? मोदी जी की गारण्टी है
अब ये मोदी जी की गारण्टी है।
क्या अजब-गजब संयोग बना है
पकौड़ा और डिग्री का योग बना है
मालिक-नौकर के उत्पादन हेतु
मेक इन इण्डिया प्रयोग बना है
आशान्वित नयनें भरी-भरी हैं
झूठे व लुटेरे की जुगलबन्दी है
क्योंकि? मोदी जी की गारण्टी है
अब ये मोदी जी की गारण्टी है।
सस्ता सारा सामान हो गया
जीवन जीना आसान हो गया
घुड़चढ़ी की करवाओ तैयारी
अपना विकास जवान हो गया
स्वयंवर से हो या अपहरण से
दुल्हन की पूरी वारण्टी है
क्योंकि? मोदी जी की गारण्टी है
अब ये मोदी जी की गारण्टी है।
– राजीव रंजन झा
टीकरी कलाँ, नई दिल्ली-११००४१