विदेशी भी देखने आते है परिवार के महल ,जिनके दर से मिलता था न्याय ,उनके घर पर किया कब्जा
कोलकाता।(राजेन्द्र के.गुप्ता 98270-70242) समय का चक्र इंसान को क्या से क्या बना देता है। रंक को राजा और राजा को रंक बनते देखा है । कुदरत का खेल ऐसा है कि कुछ भी स्थाई नही रहता । जीवन की दर्द भरी हक़ीकत बयान करती इस खबर को आप बिना रुके पढ़ते जाएँगे ।जिसके परिवार वालों ने पूरे भारत पर राज किया। जिसके परिवार की हुकूमत पूरे देश पर थी ,कभी लाखों सेवक परिवार की सेवा में लगे रहते थे। ऐसी महिला के परिवार द्वारा बनाई गई चीजें आज भी भारत की पहचान में शामिल हैं, लेकिन वो खुद एक झुग्गी में रहने को मजबूर है। झुग्गी में रह ,चाय-पकोड़े बेच कर जीवन का गुजर-बसर करने को मजबूर है ।
कभी पूरे भारत पर राज करने वाले मुगलों का परिवार आज बेहद गरीबी से जूझ रहा है। मुगल परिवार की सबसे छोटी बहू आज खोमचे से चाय और पकोड़े बेचती है। मुगलों द्वारा बनवाए आलीशान महल और कई भव्य निर्माणों को स्मारकों के रूप में सहेजा गया है जिन्हें देखने विदेशी पर्यटकों के साथ भारतीय भी जाते है । कई सैकड़ों एकड़ में फैली मुगलों की जायदाद आज भी इतिहास बन कर खड़ी है पर मुगल परिवार की अमीरी चली गई है । कभी ख़ैरात में हीरे-जवारात तक बाटने देने वाले मुगलों की बहु को सरकार से मदद माँगने के लिए कई बार आवेदन भेजने पड़ रहे है ।हम जिनकी बात कर रहे है उनका नाम सुल्ताना बेगम है। सुल्ताना मुगल राज परिवार की सबसे छोटी बहू हैं। सुल्ताना मुगलों के आखिरी शाह बहादुर शाह जफर के परपोते की पत्नी हैं। इस वक़्त सुल्ताना कोलकाता की झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्हें चाय ,पकोड़े बेचना पड़ रहे है। आश्चर्य हो रहा है जिसके सुल्ताना के पूर्वजो की भव्य महलों आदि को देखने के लिए लोग विदेशों से भारत आते हैं। उनकी वंशज सुल्ताना आज झुग्गियों में रहने को मजबूर है।
सुल्ताना बेगम के आर्थिक हालात बेहद खराब होते जा रहे है। सुल्ताना के पति प्रिंस मिर्जा मोहम्मद बेदार बख्त बहादुर को वर्ष 1980 तक भारत सरकार 400 रुपये महीना पेंशन देती थी । पेंशन को वर्ष 2010 में बढ़ा कर 6 हजार रूपये कर दिया था । इस महँगाई के दौर में 6 हजार में पूरे परिवार को पालना बेहद मुश्किल है। सुल्ताना बेगम ने सरकार को कई बार आवेदन भेजे किन्तु उन्हे अब तक निराशा ही मिली है जबकि मुगल स्मारकों को देखने आने वाले पर्यटकों से ही लाखों की कमाई हो रही है । सूत्रों से पता चला सरकार ने सुल्ताना के परिवार को एक घर तथा 50 हजार रुपये दिए थे जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा लिया। घर हाथ से निकल जाने के बाद सुल्ताना का परिवार झुग्गी में रहने को मजबूर हो गया है । कई राजाओं से अपनी ताकत का लोहा मनवाने वाले मुगल परिवार के मकान पर क़ब्ज़ा कर लिया गया ।फिलहाल सुल्ताना कोलकाता में झुग्गी जैसी चाल में दो कमरों के मकान में अपने पूरे परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। ग़ुरूर कभी नही करना चाहिए ,वक्त कब अपना चक्र बदले पता नही…
कोलकाता।(राजेन्द्र के.गुप्ता 98270-70242) समय का चक्र इंसान को क्या से क्या बना देता है। रंक को राजा और राजा को रंक बनते देखा है । कुदरत का खेल ऐसा है कि कुछ भी स्थाई नही रहता । जीवन की दर्द भरी हक़ीकत बयान करती इस खबर को आप बिना रुके पढ़ते जाएँगे ।जिसके परिवार वालों ने पूरे भारत पर राज किया। जिसके परिवार की हुकूमत पूरे देश पर थी ,कभी लाखों सेवक परिवार की सेवा में लगे रहते थे। ऐसी महिला के परिवार द्वारा बनाई गई चीजें आज भी भारत की पहचान में शामिल हैं, लेकिन वो खुद एक झुग्गी में रहने को मजबूर है। झुग्गी में रह ,चाय-पकोड़े बेच कर जीवन का गुजर-बसर करने को मजबूर है ।
कभी पूरे भारत पर राज करने वाले मुगलों का परिवार आज बेहद गरीबी से जूझ रहा है। मुगल परिवार की सबसे छोटी बहू आज खोमचे से चाय और पकोड़े बेचती है। मुगलों द्वारा बनवाए आलीशान महल और कई भव्य निर्माणों को स्मारकों के रूप में सहेजा गया है जिन्हें देखने विदेशी पर्यटकों के साथ भारतीय भी जाते है । कई सैकड़ों एकड़ में फैली मुगलों की जायदाद आज भी इतिहास बन कर खड़ी है पर मुगल परिवार की अमीरी चली गई है । कभी ख़ैरात में हीरे-जवारात तक बाटने देने वाले मुगलों की बहु को सरकार से मदद माँगने के लिए कई बार आवेदन भेजने पड़ रहे है ।हम जिनकी बात कर रहे है उनका नाम सुल्ताना बेगम है। सुल्ताना मुगल राज परिवार की सबसे छोटी बहू हैं। सुल्ताना मुगलों के आखिरी शाह बहादुर शाह जफर के परपोते की पत्नी हैं। इस वक़्त सुल्ताना कोलकाता की झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्हें चाय ,पकोड़े बेचना पड़ रहे है। आश्चर्य हो रहा है जिसके सुल्ताना के पूर्वजो की भव्य महलों आदि को देखने के लिए लोग विदेशों से भारत आते हैं। उनकी वंशज सुल्ताना आज झुग्गियों में रहने को मजबूर है।
सुल्ताना बेगम के आर्थिक हालात बेहद खराब होते जा रहे है। सुल्ताना के पति प्रिंस मिर्जा मोहम्मद बेदार बख्त बहादुर को वर्ष 1980 तक भारत सरकार 400 रुपये महीना पेंशन देती थी । पेंशन को वर्ष 2010 में बढ़ा कर 6 हजार रूपये कर दिया था । इस महँगाई के दौर में 6 हजार में पूरे परिवार को पालना बेहद मुश्किल है। सुल्ताना बेगम ने सरकार को कई बार आवेदन भेजे किन्तु उन्हे अब तक निराशा ही मिली है जबकि मुगल स्मारकों को देखने आने वाले पर्यटकों से ही लाखों की कमाई हो रही है । सूत्रों से पता चला सरकार ने सुल्ताना के परिवार को एक घर तथा 50 हजार रुपये दिए थे जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा लिया। घर हाथ से निकल जाने के बाद सुल्ताना का परिवार झुग्गी में रहने को मजबूर हो गया है । कई राजाओं से अपनी ताकत का लोहा मनवाने वाले मुगल परिवार के मकान पर क़ब्ज़ा कर लिया गया ।फिलहाल सुल्ताना कोलकाता में झुग्गी जैसी चाल में दो कमरों के मकान में अपने पूरे परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। ग़ुरूर कभी नही करना चाहिए ,वक्त कब अपना चक्र बदले पता नही…
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