विश्व शौचालय दिवस

निगम अमले ने शहर के 186 सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों में की विशेष साफ-सफाई
रंगोली के माध्यम से सजावट कर स्कूली बच्चों की सहभागिता से नागरिकों को शौचालय के उपयोग हेतु दी समझाइश, स्वच्छता की शपथ भी दिलाई
महापौर श्रीमती मालती राय ने न्यू मार्केट में तथा निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन ने बैरागढ़ स्थित सुलभ जनसुविधा केन्द्रों का निरीक्षण कर दिए थे निर्देश

भोपाल। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर नगर निगम, भोपाल द्वारा शहर के लगभग 186 सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों एवं आसपास के क्षेत्रों में विशेष साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई और केयर टेकर्स को शौचालय के उपयोगकर्ताओं से सदैव अच्छा व्यवहार करने एवं उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर से बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित कराने को कहा। निगम अमले ने शौचालयों के बाहर भी आकर्षक रंगोली के माध्यम से सजावट भी की और स्वच्छता एवं शौचालय के उपयोग संबंधी संदेश भी दिए। निगम अमले ने स्कूली बच्चों के माध्यम से नागरिकों को शौचालय का उपयोग करने की समझाइश भी दी और स्वच्छता की शपथ भी दिलाई तथा शौचालयों के केयर टेकर्स का सम्मान भी कराया गया। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर उपरोक्त व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से सुनिश्चित कराने के दृष्टिगत महापौर श्रीमती मालती राय ने न्यू मार्केट में तथा निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन ने बैरागढ़ स्थित सार्वजनिक जनसुविधा केन्द्रों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे।
महापौर श्रीमती मालती राय एवं निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन द्वारा मंगलवार को क्रमशः न्यू मार्केट एवं बैरागढ़ क्षेत्रों का निरीक्षण कर दिये गये निर्देशों के परिपालन में निगम अमले ने विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर शहर के समस्त क्षेत्रों में स्थित लगभग 186 सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों एवं उनके आसपास के क्षेत्रों में विशेष साफ-सफाई कराई गई, चूने की लाईन के साथ ही आकर्षक रंगोली बनाकर सजावट भी की और स्वच्छता एवं शौचालय उपयोग संबंधी संदेश भी दिए। निगम अमले ने स्कूली बच्चों के माध्यम से नागरिकों को स्वच्छता एवं शौचालय उपयोग की समझाइश भी दी और स्वच्छता की शपथ भी दिलाई गई। निगम अमले ने महापौर परिषद के सदस्यों एवं स्थानीय पार्षदों तथा गणमान्य नागरिकों से शौचालयों के केयर टेकर्स का सम्मान भी कराया। निगम अमले ने नागरिकों, व्यवसायियों, यात्रियों आदि से भी स्वच्छता संवाद किया और आवश्यकता होने पर सदैव शौचालय का ही उपयोग करने, खुले में शौच अथवा मूत्र न त्यागने की समझाइश भी दी और स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।