उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खुद के दम पर खड़े होने की योजना

सपा के भरोसे नहीं है कांग्रेस का मिशन-2027
नई दिल्ली । यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अभी से रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। चुनाव को भले ही दो साल से ज्यादा का समय है, लेकिन कांग्रेस अभी से खुद की सियासी जमीन तलाशना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खुद के दम पर खड़े होने की योजना बना रही है। कांग्रेस का मिशन 2027 समाजवादी पार्टी के भरोसे नहीं है। इसके लिए कांग्रेस राज्य की सभी 403 सीटों को तीन हिस्सों में बांटकर अभी से चुनावी योजना पर काम कर रही है, जिसमें पहले 160 सीट पर खास फोकस करने की योजना है। इसके बाद 243 सीटों को दूसरे और तीसरे नंबर पर रखकर पार्टी आगे बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के संगठन महासचिव अनिल यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस ने 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस यूपी की 160 सीटों पर पहले फोकस करने रणनीति बना रही है। राज्य के हर जिले में कम से कम दो सीटों पर कांग्रेस 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इस संबंध में यूपी के 13 जिलों में बैठकें हो चुकी हैं। देवीपाटन मंडल से जिला स्तरीय बैठक में विधानसभा सीटों का चयन पर विचार किया जाएगा।
हम गठबंधन के भरोसे नहीं बैठे रहेंगे: अनिल यादव
अनिल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़े थे और अभी भी हमारा गठबंधन है, लेकिन हम सिर्फ गठबंधन के भरोसे नहीं बैठे रहना चाहते। सीटों के चयन के साथ-साथ संगठन को भी मजबूत करने की कवायद चल रही है। ऐसे में 160 सीटों का चयन पार्टी नेताओं के सलाह करने के लिए ही जिला स्तर पर बैठकें कर रहे हैं। यूपी में कांग्रेस का मुख्य फोकस दलित, ओबीसी और मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का है। 160 सीटों के चयन के बाद कांग्रेस जनहित से जुड़े मुद्दों लेकर अलग-अलग कार्यक्रम शुरू करेगी. इन सीटों पर कांग्रेस जातिगत जनगणना और आरक्षण के मुद्दे को धार देने की स्ट्रैटेजी भी बना रही है ताकि, दलित, ओबीसी और मुस्लिम वोटों को विश्वास जीता जा सके। अनिल यादव का कहना है कि सामाजिक न्याय के मुद्दे पर लोकसभा के चुनाव में इंडिया गठबंधन को जीत मिली थी, उसे लेकर हम विधानसभा चुनाव में उतरेंगे।