पंजाब और हरियाणा के गेहूं से झड़ने लगे बाल, मचा हड़कंप

3 महीने में 279 लोग हुए प्रभावित

सेलेनियम बढ़ने से हो रही समस्या: जाधव
बुलढाणा । महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में अचानक बाल झड़ने की घटनाएं बढ़ने से हड़कंप मच गया है। गांवों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के बाल तेजी से झड़ रहे हैं, जिससे लोग दहशत में हैं। इस बीच, वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने दावा किया था कि पंजाब और हरियाणा से आने वाला गेहूं इस समस्या की वजह है। पिछले 3 महीने में 279 लोग हुए इस बीमारी से प्रभावित हुए है।
केंद्रीय मंत्री प्रतावराव जाधव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में सेलेनियम की मात्रा अधिक पाई गई है, और इसके शरीर में बढ़ने के कारण ही बाल झड़ रहे हैं। हालांकि, यह कहना गलत होगा कि गेहूं इसकी मुख्य वजह है। उन्होंने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की रिपोर्ट में भी सेलेनियम का जिक्र है, लेकिन यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
डॉ. हिम्मतराव बावस्कर का दावा है कि पंजाब और हरियाणा के शिवालिक पहाड़ियों से आने वाले गेहूं में सेलेनियम की मात्रा अधिक होती है, और यह शरीर में जाकर बालों के झड़ने की वजह बन रहा है। उन्होंने कहा कि बुलढाणा जिले के सरकारी राशन में यही गेहूं वितरित किया जा रहा था, जिससे अचानक यह समस्या बढ़ी। इस दावे के बाद प्रशासन ने गोदाम को सील कर दिया और अनाज का वितरण अन्य गोदाम से किया जा रहा है। बाल झड़ने के इस रहस्यमयी मामले में अभी तक गेहूं या पानी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सेलेनियम की अधिकता एक प्रमुख कारण हो सकता है।
गांव में अचानक क्यों फैल गई यह बीमारी?
गांव में फैल रही इस समस्या के शुरुआती लक्षणों में सिर में खुजली होती है, दूसरे दिन बाल झड़ने लगते हैं, और तीसरे दिन व्यक्ति पूरी तरह गंजा हो जाता है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा पुरुष प्रभावित हुए हैं। डर के कारण लोगों ने आयुर्वेद से लेकर एलोपैथ तक हर तरह का इलाज करवाना शुरू कर दिया है।

स्वास्थ्य विभाग हैरान, जांच के लिए भेजे सैंपल
गांवों में यह बीमारी फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पानी व अनाज के सैंपल लिए। फिलहाल, बीमारी की असली वजह का पता लगाने के लिए गहन जांच चल रही है। गांव वालों ने सरकार से जल्द से जल्द इस बीमारी की सटीक वजह का पता लगाने और इलाज सुनिश्चित करने की मांग की है। प्रशासन ने कहा है कि आईसीएमआर की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।