:: चिमनी से उत्सर्जित पैरामीटर की मात्रा निर्धारित मानक सीमा के भीतर ::
पीथमपुर/इन्दौर । उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रिट याचिका क्रमांक 2802/2004 (आलोक प्रताप सिंह विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य) में विगत 18 फरवरी 2025 को पारित आदेशानुसार यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट का प्रथम ट्रायल रन विगत 27 फरवरी से मेसर्स पीथमपुर इंडस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेंट प्रा.लि. पीथमपुर, जिला धार द्वारा संचालित इंसीनरेटर में किया जा रहा है। 03 मार्च को सायं 6.30 बजे तक करीब 10 टन अपशिष्ट का दहन किया जा चुका है। ट्रॉयल के दौरान चिमनी से होने वाले उत्सर्जन की मॉनीटरिंग केन्द्रीय एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक दल द्वारा किया गया है, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। विश्लेषण के परिणामों के आधार पर एवं इन्सीनरेटर की क्लीनिंग एवं संधारण के पश्चात् 4 मार्च 2025 से द्वितीय ट्रॉयल रन प्रांरभ किया जा सकेगा।
म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार पहले ट्रायल रन में आज 03 मार्च, 2025 को शाम 05.15 बजे तक 10 टन अपशिष्ट का दहन किया जा चुका है। 27 फरवरी को रात्रि 10 बजे से 28 फरवरी को अपरान्ह 3.00 बजे तक ब्लेंकरन यानि डीजल से इंसीनरेटर को चलाया गया। अपरान्ह 3 बजे से यूनियर कॉर्बाईड के अपशिष्ठ की फीडिंग शुरू की गई, जो लगातार 135 कि.ग्रा. प्रति घंटे की दर से की गई। प्रथम ट्रायल रन 3 मार्च को सायं 5.15 बजे तक चला। सायं 5.15 बजे तक 10 टन अपशिष्ठ की फीडिंग पूर्ण की गई। इसके बाद सायं 6.30 बजे तक इन्सीनरेटर में डीजल की फीडिंग जारी रही, ताकि फीड किया गया अपशिष्ठ पूरी तरह से जल जाये।
अपशिष्ट के दहन के दौरान चिमनी से हो रहे इमीशन की मॉनिटरींग केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लगभग 20 अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा की गई। चिमनी से होने वाले उत्सर्जन की लगातार मॉनिटरींग के लिए ऑनलाईन कन्टीन्युअस इमीशन मॉनिटरींग सिस्टम (OCEMS) संचालित रहा। चिमनी से उत्सर्जन निर्धारित मानक सीमा के भीतर पाये गये।
अपशिष्ट के दहन के दौरान चिमनी से हो रहे इमीशन की लगातार मॉनिटरींग केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लगभग 20 अधिकारी / कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। साथ ही इमीशन के लगातार मॉनिटरींग के लिये ऑनलाईन कन्टीन्युअस इमीशन मॉनिटरींग सिस्टम (OCEMS) भी संचालित है। चिमनी से उत्सर्जन निर्धारित मानक सीमा के भीतर पाये जा रहे है। जानकारी दी गई कि पर्टीक्यूरेट मेटर का अधिकतम उत्सर्जन 10.53 (8.69 औसत) मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 50 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। इसी तरह सल्फर डाईऑक्साइड का अधिकतम उत्सर्जन 73.5 (56.11 औसत) मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी अधिकतम मानक सीमा 200 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। नाईट्रोजन ऑक्साईड्स का अधिकतम उत्सर्जन 120.41 (89.93 औसत) मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 400 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। कार्बन मोनो ऑक्साईड का अधिकतम उत्सर्जन 26.03 (17.44 औसत) मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी अधिकतम मानक सीमा 100 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। इसी प्रकार हाईड्रोजन क्लोराईड का अधिकतम उत्सर्जन 2.94 (0.23 औसत) मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी अधिकतम मानक सीमा 50 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। हाईड्रोजन फ्लोराईड का अधिकतम उत्सर्जन 4.44 (0.82 औसत) मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 4 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है तथा टोटल आर्गेनिक कार्बन का अधिकतम उत्सर्जन 3.53 (1.61 औसत) मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 20 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।