इन्दौर | स्वच्छता के लिए देश दुनिया में नंबर वन के रूप में पहचान बना चुके शहर इन्दौर की और भी कई अनूठी अनोखी तथा दिलचस्प विशेषताएं हैं, जिनके कारण वह दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाएं हुए हैं। आपसी अभिवादन के लिए… भिया राम.. सहित इनमें शामिल हैं, इन्दौरियों का खान-पान पोहे जलेबी के साथ इन्दौर के नमकीन, इन्दौरी व्यापारियों की विश्व प्रतिष्ठित साख (आज भी इन्दौर के व्यापारी की तस्वीर विदेश के स्टाक एक्सचेंज में लगी है), इन्दौरियों के अजीबोगरीब कारनामे ( दुनिया में सिर्फ इन्दौर ही है, जहां विरोध प्रदर्शन में हवाईजहाज के भी चक्के जाम कर दिए गए थे), इन्दौरियों का ट्रेफिक सेंस, इन्दौर के कालोनाइजर बिल्डरों के हैरतअंगेज जमीन के खेल, इन्दौर के दुकानदारों रहवासियों की अतिक्रमण कला और उन सबसे ऊपर है…. इन्दौर की बोली और इन्दौरी भियाओ के बोलने की स्टाइल।…. जिसकी की अखिल ब्रह्माण्ड में ही, कोई जोड़ नहीं है। इन्दौरियों के बोलने के इस खास स्टाइल का दिलचस्प और दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर करने वाला पहलू है… इन्दौरियों द्वारा अपने भावों को सईसाॅट तरीके से अपनी बोली अपनी स्टाइल में कहने के लिए स्वउतसर्जित शब्द … अआ स्वउत्सर्जन मतलब भिया, इन्दौरियों के खुद के बनाएं अपने शब्द… जैसे अगर उन्हें अपने किसी दोस्त से मोबाइल पर बात करते हुए यह पूछना है कि,.. अभी तू कहां पर है, तों इन्दौरी भिया मोबाइल पर शट् से सिर्फ इतना ही बोलेंगे… कांपेतू या फिर किसी से कोई वाद-विवाद कहासुनी या मनमुटाव होने पर उसको चैलेंज देना हो तो इन्दौरी कहेंगे… जाजोबनेकल्ले, या अगर किसी को कोई बात, कोई काम, नहीं बताते हुए चुपचाप करना है तो इन्दौरी कहेगा सुमसटके में निपटा दिया….अपनी बात कहने की इस अनूठी स्टाइल के साथ उनके लिए विशेष शब्द, इन्दौरियो की ईजाद है, और इनको एक अलग ही लहजे में उनके द्वारा बोला जाता है जो कि अपने आप में दिलचस्प हो विश्व प्रसिद्ध है। इन्दौरियों की इस बोलने की कला, शब्द और अंदाज को लिखकर दुनिया को बताने का असंभव काम संभव कर दिखाया है इन्दौर के ही ग्राफिक डिजाइनर विवेक भावसार ने। उन्होंने अपनी कम्यूकलमकला ( हिन्दी में बोलू तो भिया कम्प्यूटर टाइपिंग ) से इन इन्दौरी शब्दों की… इन्दौरियों द्वारा बोलचाल कों.. इन्दौरी स्टाइल में ही… पोस्टरों पर चित्रित कर दिया है। और सबके लिए इसकी प्रदर्शनी लगाई है … मर्म कला अनुष्ठान और प्रिंसेस आर्ट पैसेज ने… ए बी रोड पर प्रिंसेस बिजनेस स्काय पार्क, सी ट्वेंटी वन माल के सामने। जहां अभी तक इन्दौरियों की इस वर्डफेमस बोलने की स्टाइल को.. बोलते स्वरूप में ही.. पोस्टरों पर न कजानेकित्ते लोगों ने.. देख, सुन, समझ एक दूसरे को बताते मुस्कराते ठहाके लगाते निहारा है…. और जो नि समझपाएं… वो सुमसटके में निकल लिए है।… ये इन्दौरियो के बोलने की कला की विवेक भावसार द्वारा उतारी चित्रमय स्वरूप प्रदर्शनि यदि आप देखने से चूक गये है… तो जल्दी करो भिया, प्रदर्शनि सिरफ 31 मार्च तलक है… और इसे हर दिन सुबह 10 से रात 8 बजे तक देखा जा सकता है।