:: स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के रूबरू कार्यक्रम में बोले रघु ठाकुर ::
इन्दौर । सुप्रसिद्ध समाजवादी चिन्तक एवं लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर ने कहा कि समाजवाद शाश्वत एवं स्थायी विचारधारा है जिस पर चल कर ही भारत बेहतर देश बनेगा। उन्होंने कहा कि हथियारों का व्यवसाय ही युद्ध का बड़ा कारण है।
ठाकुर स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के रूबरू कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जबसे दुनिया बनी है तभी से समाजवाद का उदय हुआ है। यह ईश्वरीय विचारधारा है जो बराबरी के सिद्धांत पर टिकी है। प्रकृति ने प्रारब्ध से सिखाया है कि उसके लिये सब समान है। प्रकृति ने सबको सबकुछ बराबर दिया है, मनुष्य ने ही हर जगह गैर-बराबरी पैदा की है।
ठाकुर ने कहा कि आज भी समाजवादी आंदोलन प्रासंगिक है क्योंकि समाज आज भी आशा भरी निगाहों से हमारी तरफ देखता है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ अपनों की वजह से समाजवादी पिछड़ गए हैं इसलिये लोहिया की नीति अनुसार हमें सुधार की शुरुआत घर से ही करना होगी। उन्होंने यह भी माना कि समाजवादी आंदोलन की कमजोरी के कारण पुराने साथी यहां-वहां जुड़ गए हैं।
ठाकुर ने कहा कि आज दुनिया में गैर जरूरी कारणों से युद्ध हो रहे हैं। हथियारों का बड़ा कारोबार इसकी मुख्य वजह है। भारत-पाक युद्ध के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जितनी मर्तबा भारत के दुश्मन देशों से युद्ध हुए हैं राजनीति हावी हो जाती है। सेना जीत कर भी हार जाती है। उन्होंने बढ़ते विदेशी कर्ज और सैन्य खर्चों को अनावश्यक बताया और कहा कि तमाम युद्धों का हल समाजवाद में ही निहित है। उन्होंने कहा कि यदि डॉ. लोहिया के सपनो के अनुरूप विश्व संसद बन जाए तो देशों के बीच युद्ध समाप्त हो सकते हैं। हथियारों पर पैसा खर्च नहीं होगा और बराबरी पर आधारित समाज बन सकेगा।
समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने कहा कि देश में आर्थिक विषमता की खाई बढ़ती जा रही है जो घृणा और वैमन्यस्ता पैदा कर रही है। आम आदमी 300 रु. रोज कमा रहा है और अडाणी-अंबानी हजारों करोड़ कमा रहे हैं। पूरी दुनिया में विषमता का दौर समाप्त होने की तरफ बढ़ रहा है, क्योंकि पूंजीवाद हल नहीं है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प और एलन मस्क की दोस्ती टूटने जैसी अनेक घटनाएं इसका संकेत हैं। समाजवाद तो हर तरह की फिजूलखर्ची का विरोध करता है।
एक प्रश्न के जवाब में ठाकुर ने कहा कि 1975 के आपातकाल में संवैधानिक आपातकाल लगाकर प्रजातंत्र की हत्या की गई थी, लेकिन आज के दौर में भय का ऐसा वातावरण तैयार कर दिया गया है कि जनता स्वत: कमजोर और सरकार ताकतवर हो गई है। आज लड़ने वाले ईडी के छापों से डरे हुए हैं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसी हस्ती प्रधानमंत्री के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहने पर मजबूर रहती है तो किसी और की बिसात क्या रह गई। भाजपा के कार्यकर्ता भी इस घुटन को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकों को देखना चाहिए कि वे किस राजनीति को वोट दे रहे हैं, समता के लिए या अनुपात हीन संपत्ति के लिए, जिसका जनतंत्र में विशवास होगा वह सिविल ना-फ़रमानी को मानेगा। सिविल ना-फ़रमानी से ही जनतंत्र जिंदा रहता है। संतति और संपत्ति के मोह से बचने से ही समाजवाद आएगा।
ठाकुर ने म.प्र. की डॉ. मोहन यादव सरकार की कैबिनेट बैठकों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि डेस्टीनेशन मैरिज की तर्ज पर यहां-वहां कैबिनेट की बैठकें तो की जा रही हैं, लेकिन सरकार फैसले क्या ले रही है यह समीक्षा का विषय है। राजभवन, राजबाड़ा जैसे स्थानों पर बैठक करके प्रजातंत्र का अपमान किया जा रहा है।
प्रारंभ में रघु ठाकुर का स्वागत प्रवीण खारीवाल, मनोहर लिंबोदिया, आकाश चौकसे, मीना राणा शाह एवं वीरेन्द्र वर्मा ने किया। सोनाली यादव और दीपक माहेश्वरी ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। आभार रामस्वरूप मंत्री ने व्यक्त किया।