:: शिवतांडव स्वरूप में देंगे दर्शन, बैण्ड और जनजातीय नृत्य दल बिखेरेंगे सांस्कृतिक छटा ::
उज्जैन/इंदौर । श्रावण/भाद्रपद मास में निकलने वाली महाकालेश्वर की सवारियों के क्रम में, आज तीसरे सोमवार, 28 जुलाई को, भगवान महाकालेश्वर अपने भक्तों को विविध दिव्य स्वरूपों में दर्शन देंगे। इस पावन अवसर पर, भगवान चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, हाथी पर मनमहेश के रूप में और गरुड़ रथ पर शिव-तांडव रूप में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
सवारी आरंभ होने से पूर्व, मंदिर के सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा, जिसके बाद सशस्त्र पुलिस बल द्वारा उन्हें सलामी दी जाएगी। यह भव्य सवारी अपने परंपरागत मार्ग से होती हुई रामघाट पहुँचेगी, जहाँ शिप्रा नदी के पवित्र जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन संपन्न होगा। पूजन के उपरांत, सवारी विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए, महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज और चलित रथ में लगी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सवारी का सजीव प्रसारण भी उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप, इस तृतीय सवारी को और भी भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए विशेष तैयारियाँ की गई हैं। इसमें पुलिस बैण्ड, बीएसएफ बैण्ड सहित विभिन्न बैण्ड अपनी मनमोहक प्रस्तुतियाँ देंगे। इसके अतिरिक्त, चार जनजातीय कलाकार दल भी इस आयोजन में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, जिनमें मध्यप्रदेश का करमा सैला जनजातीय नृत्य, कर्नाटक का ढोलू कूनीथा जनजातीय नृत्य, जबलपुर का अहिराई लोकनृत्य और गणगौर लोकनृत्य की प्रस्तुतियाँ शामिल हैं। यह आयोजन उज्जैन में भक्ति, शौर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा।