‘शायद कोई न सुने’ निकला साइलेंट ब्लास्ट!

किंग हमेशा से एक्सपेरिमेंट करने से नहीं डरे, लेकिन इस बार तो उन्होंने अपने म्यूज़िक करियर का सबसे शांत और सबसे बोल्ड मोड़ ले लिया है। शायद कोई न सुने, उनका नया ईपी (एल्बम का छोटा वर्ज़न), प्ले लिस्ट या चार्टबस्टर नहीं, बल्कि एक धीमी बगावत जैसा है – ऐसी बगावत जो भीड़ नहीं, अकेलेपन में गूंजती है।सिर्फ तीन ट्रैक्स – लेकिन ऐसा लगता है जैसे तीन खिड़कियाँ खुलती हैं उस कमरे की ओर जहाँ हम अपनी सबसे चुप भावनाएँ छुपा कर रखते हैं।

2023 के ईपी शायद वो सुने की इंट्रोस्पेक्टिव (भीतर झाँकने वाली) लहर को पकड़ते हुए, शायद कोई न सुने की शुरुआत होती है ये ज़िंदगी है से – एक धीमी आँच में सुलगता कन्फेशन। ना कोई बड़ा क्लाइमेक्स, ना शेर-ओ-शायरी की आतिशबाज़ी – बस एक सवाल हवा में तैरता है: क्या हम सच में ज़िंदा हैं, या बस रोबोट मोड में आगे बढ़ रहे हैं? किंग जवाब नहीं ढूंढ़ते, बस उस खामोशी में बैठ जाते हैं।