50 प्रतिशत महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम पीडित

मुंबई,  एम्स के अनुसार, 4 में से 1 महिलाएं अंतःस्रावी तंत्र विकार से पीड़ित हैं जिन्हें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) कहा जाता है। हांलाकि यह बीमारी बेहद आम है परन्तु खतरनाक बात यह है कि इसके बारे में जागरूकता बहुत कम है; 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं इस बात से अनजान हैं कि वे इस विकार से पीड़ित हैं।

अनियमित और दर्दनाक मासिक, चेहरे और शरीर पर बालों का बढना और पतला होना, तेजी से वजन बढने जैसे लक्षणों के साथ पीसीओएस अक्सर आत्म-सम्मान के कम होने का कारण बनता है। और यदि अनदेखा रह जाता है तो यह बांझपन, मधुमेह, हृदय रोग और एंडोमेट्रियल कैंसर जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

बहुत से लोगों के लिए जांच परीक्षण मंे पीसीओएस पाये जाने का मतलब प्रजनन संबंधी समस्याएं पूरे जीवनकाल हो सकती हैं, लेकिन बहुत सी महिलाओं को यह नहीं पता कि यह होम्योपैथी के साथ इस रोग का इलाज किया जा सकता है और वे पीसीओएस मुक्त, स्वस्थ और सामान्य जीवन जी सकती हैं।

विश्व पीसीओएस जागरूकता माह पर टिप्पणी करते हुए डा. बत्राज समूह की कंपनियों के संस्थापक और अध्यक्ष एमेरिटस और पद्मश्री प्राप्तकर्ता डॉ. मुकेश बत्रा ने कहा, किसी भी समाज में महिलाएं स्वास्थ्य देखभाल की रीढ़ हैं।होम्योपैथी सुरक्षित, सिद्ध और लागत प्रभावी उपचार विधियों की पेशकश करता है।