इन्दौर (ईएमएस)। ज़रूरतमंद और गरीब लोगों की शादी की फिक्र बम्बई बाजार के कुछ युवाओं ने की है। अब उन गरीब परिवारों में शादी का जश्न होगा। ये सपना साकार किया है संस्था नक्शबंदी के अध्यक्ष बंटी टापिया ने। धार्मिक परम्पराओं के तहत ग्यारहवीं शरीफ में प्रतिवर्ष लंगर का आयोजन तो होता ही है, संस्था ने तय किया कि इस लंगर के आयोजन को नया रूप दिया जाए।समज के उन लड़के लड़कियों की शादी में मदद कर आसानी पैदा की जाए, जिनके परिजन आर्थिक अभाव के चलते अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाते। इस दर्द को संस्था के युवाओं ने समझा और आपस मे धनराशि इकट्ठा कर इनकी शादी का निर्णय लिया। ग्यारहवीं शरीफ के सिलसिले के तहत संस्था नक़्शबन्दी के त्वावधान में 16 दिसम्बर रविवार को दोपहर 12 बजे मुस्लिम समाज में निशुल्क इज्तेमाई शादी का जश्न टाटपट्टी बाखल पर होगा। इसमें 13 जोड़े निकाह क़ुबूल करेंगे।
संस्था नक़्शबन्दी के अध्यक्ष बंटी टापिया ने जानकारी देते हुए बताया संस्था द्वारा समाज की निर्धन व गरीब लड़कियों की मदद के उद्देश्य से ये पहला इज्तेमाई शादी का जश्न अपनेपन के एहसास के साथ होगा। शहर क़ाज़ी डॉ. इशरत अली और मुफ़्ती हबीब यार ख़ाँ साहब की सरपरस्ती (सानिध्य) में सभी जोड़ों के निकाह पढ़ाएंगे। सभी नवयुगलों को गृह उपयोगी वस्तुएं बतौर उपहार दी जाएगी। दूल्हा-दुल्हन के निकाह सादगी से शरीयत के दायरे में होंगे। निकाह से पहले बम्बई बाजार में दूल्हों को तैयार किया जाएगा, फिर यहां से सभी 13 दूल्हे विभिन्न मार्ग से होते हुए एक साथ बारात लेकर टाटपट्टी बाखल पहुंचेंगे, जहां सभी के निकाह पढ़ाये जाएंगे और सामूहिक भोज दिया जाएगा।
उमेश/पीएम/14 दिसम्बर 2018