हर साल की तरह इस बार भी इंस्टीट्यूट के टॉप परफॉर्मर का चुनाव हो चुका था।…
Category: साहित्य
चोट
‘‘चटाक! चटाक!… ‘‘साले दिखाई नहीं पड़ता।’’ ‘‘चटाक! चटाक!.. ‘‘तेरी माँ की….. देख कर नहीं मोड़ता।’’ ‘‘चटाक!…
बाल कहानी : शिक्षा का उजाला
जयपुर के पास एक गांव में एक जमींदार जयसिंह रहता था। उसका गांव में सब लोग…