टॉप परफॉर्मर

     हर साल की तरह इस बार भी इंस्टीट्यूट के टॉप परफॉर्मर का चुनाव हो चुका था।…

बुलबुले में कैद !

” मनुष्य का जीवन पानी के बुलबुले जैसा है। कब सांसे थम जाए कुछ कह नहीं…

चोट

‘‘चटाक! चटाक!… ‘‘साले दिखाई नहीं पड़ता।’’ ‘‘चटाक! चटाक!.. ‘‘तेरी माँ की….. देख कर नहीं मोड़ता।’’ ‘‘चटाक!…

“आत्मसम्मान”

अस्पताल में अफ़रा तफ़री मच गई एक्सिडेंट में बहुत बुरी तरह ज़ख़्मी कोई पेशन्ट आया था।…

एक बार फिर—

वानी बिस्तर पर बुरी तरह से छटपटा रही थी।वह कभी दायें करवट लेती कभी बायें करवट,…

धोखा

वह एक बार फिर टाका कमाने घर से निकला था । घर में कई दिनों से…

सर्द रात

अभी कोहरा पूरी तरह हटा भी नहीं था कि घड़ी ने शाम के चार बजा दिए…

रिश्ता …

मैसेंजर पर एक हेलो का मैसेज फ्लैश हुआ ..  “हेलो!” रितिका ने ध्यान नहीं दिया। दो…

बाल कहानी : शिक्षा का उजाला

      जयपुर के पास एक गांव में एक जमींदार जयसिंह रहता था। उसका गांव में सब लोग…

*पैबन्द*

मैं आज आफिस से आधा घण्टे पहले ही छूट गई । आज का दिन  मेरे लिए…