कंजक पूजन

 सुबह सुबह गेट की घण्टी बजी तो मनजीत ने गेट खोला तो देखा पड़ोसन खड़ी थी।…

उनकी तड़फ

  बाबूजी कुछ दिनों से बिमार है। आंखें बंद कर बिस्तर पर सोये रहते है। पत्नी कृष्णा…

मुन्नी का ऑपरेशन

एक दिन मुन्नी की तबीयत बहुत बिगड़ गई। उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। डॉक्टर ने…

धुंए की लकीर

    शाम को माताजी, पिताजी के पहले श्राद्ध की तैयारी क्या- क्या करना है, बता रही थी।…

” अजनबी “

आज वापस आया हूँ. उस शहर से जो मेरा था.मैं उसका था. जहाँ ज़िन्दगी के बहुत…

“दृष्टिकोण”

आज उस शख्स को गए पूरा एक हफ्ता हो गया। यकीन मानना मैं इतना सुकून से…

रस्म

भईय्या ने जिस लड़की को पसंद किया।वो अम्माँ को बिल्कुल पसंद नहीं थी।दोनो मे इस बात…

“परीक्षा”

एक बड़े प्रतापी राजा थे। बहुत से युद्ध करके उन्होंने नाम कमाया था। प्रजा का भी…

उदारता

ऑंखे गड़गड़ाकर वह सेठ ग्राहको से अपने पैसे वसूल करने के लिए अपषब्दों की बौछार कर…

बेचैन कलम के उपन्यास “पीड़ाओं की प्रतिध्वनियां” की समीक्षा _

पीड़ाओं की प्रतिध्वनियां….! यह मेरे सर्वप्रिय लेखकों में से एक प्रफुल्ल सिंह का उपन्यास है। मैं…