मतदाता जब जागता,प्रजातंत्र मुस्काय।सही वोट के मूल्य से,प्रगति दौड़ती आय।।2जनता की ये सोच हो, सभी करें मतदान।स्वच्छ विचारों से सदा, होता है कल्याण।।3सबसे पहले डाल दें,खुद चुनाव में वोट।औरों को भी राय दें,चुनें न सिक्का खोट।।4मत दें अरु प्रेरित करें,प्रजातंत्र के हेत।वोट पढ़ें जितने अधिक, वही सफल संकेत।।5गलत चयन चुनाव बने,प्रजातंत्र हित कोढ़।प्रजातंत्र मजबूत हो, मतदाता जब प्रौढ़।।6जागृति से भय दूर हो,हो सफल प्रजातंत्र।ई.व्ही. एम.बटन दबे,तभी सफल हो मंत्र।।7ज्योति कलश जनतंत्र का,प्रजातंत्र मजबूत।आत्मा प्रजातंत्र सनी, हो सरकार प्रसूत।।8सही व्यक्ति का चयन हो,मन में लें ये ठान।धर्म,जाति, धन से परे,सभी करें मतदान।।9घर घर नेता घूमकर ,मांग रहे हैं वोट।पाँच साल के बाद वो, आएंगे फिर लौट।।10बटन दबाना सोचकर, क्षण भर के आजाद।अगर गलत चुनाव हुआ,पाँच साल बर्बाद।।11संविधान ने दे दिया, मत देना अधिकार।हम सबका ये ध्यान हो,बने न ये व्यापार।।
******************************** प्रबोध मिश्र ‘ हितैषी ‘बड़वानी(म.प्र.) 451-551