भोपाल में 8 करोड़ की लागत से बन रहे पांच मंजिला वैश्य भवन में हर तहसील की एक-एक ईंट लगना चाहिए

भोपाल/इन्दौर । म.प्र. वैश्य कल्याण ट्रस्ट द्वारा रायसेन रोड, पटेल नगर भोपाल में बनाए जा रहे भवन का निर्माण कार्य अगले वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इस पांच मंजिला भवन में करीब 28 कमरे, 2 सभागृह, डोरमेट्री, कांफ्रेंस रूम एवं पार्किंग सहित अनेक ऐसी सुविधाएं भी होंगी, जो राजधानी आने वाले प्रत्येक वैश्य बंधु को सुलभ हो सकेगी। करीब 35 हजार वर्गफुट निर्माण वाले इस भवन की लागत करीब 8 करोड़ रुपए आएगी और हमारी भावना यही है कि राज्य की प्रत्येक तहसील से एक-एक ईंट इस भवन में लगे।
म.प्र. वैश्य कल्याण ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने भोपाल में ट्रस्ट मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उक्त बातें कही। ट्रस्ट के महामंत्री एवं पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भवन संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि इस भवन में तल मंजिल पर पार्किंग, प्रथम मंजिल पर कांफ्रेंस हॉल एवं कार्यालय, द्वितीय एवं तृतीय मंजिल पर 14-14 वातानुकूरित सर्वसुविधायुक्त कमरे तथा प्रत्येक मंजिल पर एक-एक डोरमेट्री रहेगी। चतुर्थ एवं पांचवी मंजिल पर एक-एक बड़ा सभागृह होगा जिसमें सभी तरह के बड़े आयोजन हो सकेंगे। बैठक में प्रभारी अरविंद बागड़ी, इन्दौर के समाजसेवी टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, भोपाल के कमल गर्ग, बैतूल के राजीव खंडेलवाल, जबलपुर के संदेश जैन, भवन के आर्किटेक्ट भोपाल के अमोघ गुप्ता, कमल गर्ग, योगेेश गुप्ता, निर्माण एजेंसी उपकार मौड़ के अलावा ट्रस्ट मंडल के सदस्य भी इस बैठक में उपस्थित थे। अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष भूमि पूजन के बाद से भवन निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। हमारी भावना यही है कि इस भवन से राज्य के सभी वैश्य घटकों के वैश्य बंधुओं का भी लगाव रहे और इसके लिए प्रत्येक तहसील से एक-एक ईंट इस भवन में लगना चाहिए। भोपाल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में वैश्य बंधु अपने विभिन्न कार्यों से आते रहते हैं। उनकी सुविधा के लिए यह भवन बारहो मास 24 घंटे उपलब्ध रहे और राजधानी में किसी भी काम से आने वाले बंधु इसका उपयोग करें, यही इसका मूल लक्ष्य है। प्रतियोगी परीक्षा, सरकारी कार्य, मरीजों को लेकर आने वाले और अन्य किसी भी प्रयोजन से राजधानी आने वाले सभी वैश्य बंधु इसका उपयोग कर सकें, इसी लक्ष्य से भवन निर्माण किया जा रहा है। इसी वर्ष 15 दिसम्बर तक पहली मंजिल की छत बनकर तैयार हो जाएगी, जिसमें पहला कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। कुल मिलाकर वैश्य कल्याण ट्रस्ट की ओर से राज्य के सभी वैश्य बंधुओं के लिए यह एक अनूठी सौगात होगी। अभी राजधानी में ऐसा कोई भवन या स्थान नहीं है, जहां बाहर से आने वाले वैश्य बंधु एक, दो या तीन दिन के लिए रुक सकें। यह भवन वरिष्ठ समाजसेवी ब्रह्मलीन रमेशचंद्र अग्रवाल, एवं नानाजी के सपनों को साकार करने के उद्देश्य से बन रहा है, जिसमें वैश्य समाज के हित में प्रत्येक ईंट का उपयोग होगा। बैठक में ट्रस्ट मंडल के सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। अंत में महामंत्री उमाशंकर गुप्ता ने आभार माना।