अद्भुत प्रतिभा वाले विलक्षण बच्चों को खोजने के मिशन के साथ बायजूज़ यंग जीनियस में इस हफ्ते 13 वर्षीय तैराक अब्दुल कादिर इंदौरी देखने को मिलेंगे। रतलाम का यह तैराक शो में अपने प्रेरक सफ़र के बारे में बताएगा। इस एपिसोड में राष्ट्रीय कोच, पुलेला गोपीचंद मेहमान के रूप में दिखाई देंगे।
अब्दुल को राष्ट्रीय मंच पर अनेक जीत मिली हैं। वो हाल ही में नेशनल पैरा-स्विमिंग चैंपियनशिप में 3 स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं। इस पैरा स्विमर ने अपने जीवन के उस मुश्किल क्षण के बारे में बताया, जब साल 2014 में एक दुर्घटना का शिकार होकर उन्हें 3 महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। इस दुर्घटना में एक बिजली का झटका लगने के कारण उनके दोनों हाथ खराब हो गए था। अब्दुल ने आगे बताया कि इस दुर्घटना ने उन्हें तोड़ दिया था, लेकिन उनकी माँ ने हमेशा उन्हें ढाढस बंधाया और स्विमिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अब्दुल की कहानी सुनकर गोपीचंद सहित सेट पर मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया। इस राष्ट्रीय कोच ने बताया कि किस प्रकार उनके माता-पिता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि उनकी माँ बस टिकट के 2 रु. बचाने के लिए लंबी दूरी तक पैदल चला करती थीं, ताकि वह उनके लिए शटल खरीद सके।
अपने दृष्टिकोण साझा करते हुए गोपीचंद ने कहा, ‘‘मेरा विचार है कि हर माँ एक सी होती है। अब्दुल और उसकी माँ की कहानी ने मुझे याद दिला दिया कि मेरी माँ भी मेरे खेल में कितना सहयोग करती थी।