भोपाल/इन्दौर । इन्दौर में नगर निगम द्वारा पीपीपी मॉडल के तहत बनवाए गये अत्याधुनिक ‘गोवर्धन बायो-सीएनजी संयंत्र’ का लोकार्पण 19 फरवरी को होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका वर्चुअल ‘लोकार्पण’ करेंगे। इस संयंत्र में शहर से निकलने वाले गीले कचरे के ‘जैव अपशिष्ट पदार्थों’ से बायो-सीएनजी बनाई जायेगी। जैविक खाद व तरल उर्वरक सहित अन्य उप-उत्पाद भी इस संयंत्र से प्राप्त होंगे। इस प्लांट की क्षमता की बात करें, तो संयंत्र प्रतिदिन 550 टन ‘गीले कचरे’ का उपयोग कर सकता है। पूरी क्षमता से कार्य करने पर इस संयंत्र से प्रतिदिन 18 हजार टन ‘बायो सीएनजी’, 100 टन जैविक खाद बनाई जा सकेगी। इस संयंत्र को देश ही नहीं, सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप में अब तक का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी प्लांट होने का दावा किया जा रहा है।
इन्दौर में 19 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम व्यवस्थित और उत्साह से भरा हो। तैयारियाँ समय पर पूर्ण हों। शनिवार को भोपाल में हुई समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारी वर्चुअली मौजूद रहे। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में इन्दौर से संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा और कलेक्टर मनीष सिंह भी वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 19 फरवरी को लोकार्पण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी का दोपहर एक बजे वर्चुअल आगमन होगा। प्रधानमंत्री मोदी ही इन्दौर के ‘गोवर्धन बायो-सीएनजी प्लांट’ का लोकार्पण करेंगे। साथ ही इन्दौर, भोपाल और देवास के स्वच्छता उद्यमियों से संवाद भी करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम की तैयारियों में कोई कमी नहीं रहे। यह राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम है, जिसका बेहतर प्रचार-प्रसार किया जाये। प्रधानमंत्री मोदी से हितग्राहियों का संवाद अच्छे ढंग से हो। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान दिखाई जाने वाली वीडियो फिल्म भी गुणवत्ता से भरपूर हो। कार्यक्रम में प्लांट पर निर्मित फिल्म का प्रदर्शन भी किया जायेगा। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य एवं पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
:: 150 करोड़ की लागत, पीपीपी मॉडल पर तैयार हुआ संयंत्र ::
इन्दौर में 550 टीपीडी क्षमता के ‘बायो-सीएनजी प्लांट’ की लागत 150 करोड़ बताई जा रही है, जो पीपीपी मॉडल पर निवेशक कम्पनी ‘इंडो इनवायरो’ द्वारा देवगुराड़िया स्थित ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर स्थापित किया गया है। इससे निगम को लगभग 2.50 करोड़ की राशि हर साल प्रीमियम के रूप में मिलेगी। इस संयंत्र से बनने वाली गैस (बायो सीएनजी) का उपयोग शुद्धता मानकों से गुजरने के बाद मुख्य रूप से सीएनजी वाहनों के ईंधन के रूप में किया जायेगा। बताया जा रहा है कि लोक परिवहन की 200 से 250 सीएनजी बसों का संचालन किया जा सकेगा, इसके लिए कम्पनी बाजार मूल्य से 5 रू. कम दाम पर संयंत्र से उत्पादित 50 प्रतिशत ‘सीएनजी गैस’ उपलब्ध करायेगी। निवेशक कम्पनी खुले बाजार में भी 50 प्रतिशत ‘सीएनजी गैस’ की बिक्री करने के लिए स्वतंत्र होगी। इसके साथ ही निवेशक कम्पनी अपना प्रतिफल बढ़ाने के लिए जैविक खाद, तरल उर्वरक, बड़ी मात्रा में बनने वाली कार्बन डाई ऑक्साईड गैस आदि सहित अन्य उप उत्पादों को अलग-अलग कर बाजार में बेचने में सक्षम होगी।
:: 407 शहरों में होगा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण ::
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के 407 शहरों में कार्यक्रम के लाईव प्रसारण के निर्देश दिए। कार्यक्रम को लगभग 1.21 करोड़ लोग देख सकेंगे। इन्दौर में 10 स्थानों पर 20 हजार, प्रदेश के सभी 407 शहरों के प्रमुख स्थानों पर एलईडी के माध्यम से एक लाख, बेवकास्ट के माध्यम से लाईव प्रसारण (फेसबुक, यू-टयूब, ट्वीटर) पर 20 लाख और सभी इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल पर एक करोड़ लोग लाईव प्रसारण देख सकेंगे। प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क राघवेंद्र कुमार सिंह ने कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।