भीषण गर्मी में हमीदिया में बगैर कूलर तडप रहे मरीज

कूछ वार्डों में कूलर है तो कोई पानी भरने वाला नहीं
भोपाल । राजधानी के सबसे बड़े सरकारी चिकित्सालय हमीदिया में मरीजों को इस भीषण गर्मी में बगैर कूलर के रहना पड रहा है। इस सबसे पुराने अस्पताल में कुछ वार्डों में कूलर ही नहीं लगे हैं। जहां कूलर लगे हैं, उनमें पानी ही नहीं भरा जा रहा है। दूसरी दिक्कत यह है कि कई वार्डों में सिर्फ दिखावे के लिए एक कूलर कोने में रख दिया गया है, जिसकी हवा बमुश्किल आसपास के 8 से 10 मरीजों को ही लगती है। सबसे बुरे हाल हड्डी रोग विभाग (पटेल वार्ड) के है। यहां पर एक वार्ड में एक कूलर जरूर रखा है लेकिन यह बंद पड़ा है। अंदर के वार्ड में करीब 50 मरीजों के लिए सिर्फ एक कूलर है। सर्जिकल वार्ड तीन में सिर्फ एक कूलर था, वह भी बंद था। वार्ड पांच में भी सिर्फ एक कूलर चल रहा था, लेकिन पानी नहीं था। सर्जिकल वार्ड आठ में भी यही स्थिति थी। अस्पताल के मेडिकल वार्ड के हालात भी कुछ ज्यादा अच्छे नहीं है। मेडिकल वार्ड एक को आईसीयू बनाया गया है, लेकिन यहां एक छोटा सा कूलर गैलरी में रखा हुआ है। दूसरे मेडिकल वार्ड में भी यही स्थिति मिली। यह पहली बार नहीं है जब हमीदिया अस्पताल में मरीजों को परेशान होना पड़ा हो। हर साल यहां पर यही स्थिति रहती है। वार्ड में खानापूर्ति के लिए सिर्फ एक बड़ा कूलर लगाया जाता है, उसमें भी पानी नहीं भरे जाने की वजह से मरीजों को कोई राहत नहीं मिलती है। उल्टा गर्म हवा कूलर से आती है। इस संबंध में गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अरविंद राय का कहना है कि वार्डों में बड़े कूलर रखवा दिए गए हैं, जो पूरे वार्ड को ठंडा रखते हैं। समय-समय पर पानी भरने के निर्देश भी वार्ड बॉय को दिए गए हैं।मालूम हो कि राजधानी का तापमान वर्तमान में दिन का पारा 40 डिग्री सेल्‍सियस के ऊपर पहुंच रहा है। हर व्यक्ति गर्मी से बचने का जतन खोज रहा है। पश्‍चिमी हवाओं ने प्रदेश के साथ-साथ राजधानी भोपाल में भी गर्मी बढ़ा दी है। बीमार मरीजों पर यहां गर्मी से परेशान है और उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है।