मुंबई, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अर्थात एनसीबी ने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज पर ड्रग्स मिलने के मामले में शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी. एनसीबी की एसआईटी ने विशेष एनडीपीएस कोर्ट में चार्जशीट दायर की. इस चार्जशीट में 20 आरोपियों के बजाय सिर्फ 14 आरोपियों के ही नाम दर्ज हैं. एनसीबी ने बताया की 6 आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं जिससे यह बात साबित की जा सके की उनकी इस मामले में कोई भूमिका है. इस वजह से उनको क्लीनचिट दे दी गई. इन 6 लोगों में एक नाम आर्यन खान का भी है. इस मामले की चार्जशीट से पता चला है कि अरबाज मर्चेंट को आर्यन खान ने कहा था ड्रग्स लेकर मत लेकर आना एनसीबी बहुत एक्टिव हो गई है और अगर वो ऐसा करेगा तो समस्या में फंस सकता है. एनसीबी ने यह भी साफ कर दिया है की उनके पास ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जो यह साबित करता हो की आर्यन खान के ड्रग सिंडिकेट से संबंध थे. वहीं इस चार्जशीट के अलावा किसी भी आरोपी ने अपने बयान में आर्यन का नाम नहीं लिया. अरबाज ने अपने बयान में कहा की आर्यन ने उसे कहा था की ड्रग लेकर मत आना एनसीबी एक्टिव हो गई है. चार्जशीट के मुताबिक एनसीबी ने माना कि मुंबई एनसीबी के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर सभी आरोपियों और संदिग्धों के मोबाइल फोन की जांच की. बता दें की बीते साल 2 अक्टूबर को एनसीबी के तत्कालीन जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की अगुवाई में एनसीबी ने मुंबई से गोवा जा रहे कोर्डिलिया क्रूज पर छापेमारी की थी और क्रूज पर लंबे समय तक हुई छापेमारी के बाद 8 लोगों को हिरासत में लेकर गिरफ़्तार किया गया. इन लोगों के पास से कुल 13 ग्राम कोकीन, 5 ग्राम एमडी, 21 ग्राम चरस और 22 एमडीएमए के पिल्स मिले हैं जिसे ग्रीन गेट के पास से रिकवर किया गया है.
- नवाब मलिक ने क्या आरोप लगाए थे ?
पहले गिरफ़्तार हुए 8 लोगों के नाम आर्यन खान, मुनमून धमेचा, नूपुर सारिका, इसमित सिंघ, मोहक जैसवाल, विक्रांत छोकर, ग़ोमित चोपरा, और अरबाज़ मर्चेंट. इस मामले की जांच के दौरान कई उतार चढ़ाव आए. एक समय ऐसा भी आया जब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इस मामले के एक पंच प्रभाकर सैल ने तो यह भी कह दिया की आर्यन खान पर मामला नहीं बनाने के लिए पैसे की भी मांग की गई थी.
क्लीन चिट दिए जाने पर क्या बोले आर्यन ?
आर्यन खान मामले में इतने आरोप लगने लगे की आगे चलकर इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया और नवंबर 2021 से ही एसआईटी इस मामले की जांच कर रही थी. आर्यन खान के वकील एडवोकेट सतीश ने बयान जारी कर कहा कि 26 दिनों के लिए आर्यन खान की गिरफ्तारी और हिरासत अधिक अनुचित थी खासकर तब जब उसके पास से कोई भी ड्रग्स नहीं पाया गया था. आर्यन के पास किसी भी प्रकार का कोई सबूत नहीं था, किसी भी कानून के उल्लंघन की कोई सामग्री नहीं थी. आर्यन के वकील ने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में बनी एसआईटी ने निष्पक्षता से मामले की जांच की और साक्ष्यों के अभाव में आर्यन को बरी करने का फैसला किया. सत्यमेव जयते.