अयोध्या । राम नगरी अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। अयोध्या के रामकोट स्थित श्री राम जन्मभूमि से चंद कदम दूर अयोध्या के पहले दक्षिण भारतीय शैली मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 मई को कलश यात्रा के साथ शुरू होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1 जून को समारोह का शुभारंभ करेंगे। अयोध्या का ये पहला मंदिर होगा जहां भगवान श्री राम के कुलदेवता भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान रंगनाथन का मंदिर होगा। श्री रामलला देवस्थान के महंत जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। अयोध्या में बने दक्षिण भारतीय शैली के इस मंदिर की भव्यता दूर से ही बिखर रही है।
महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि मंदिर में विराजमान श्री रामलला, माता जानकी व लक्ष्मणकी प्रतिमाएं भी दक्षिण भारत से आई हैं। मंदिर की डिजायनिंग चेन्नई के मशहूर आर्किटेक्ट स्वामीनाथन ने किया है। अयोध्या का ये पहला मंदिर है जो श्री राम जन्मभूमि से चंद कदम की दूरी पर बनकर तैयार हुआ है, जिसमें कदम कदम पर दक्षिण भारतीय परंपरा झलक रही है। रामलला सदन के पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि श्री राम लला सदन अत्यंत प्राचीन स्थान है। 300 वर्ष पुराना आश्रम यहां था। 2012 से इसकी व्यवस्था मैं देख रहा हूं और मैं इसका सलाहकार हूं।
स्वामी राघवाचार्य कहते हैं कि दक्षिण भारत की शैली में अयोध्या में कोई मंदिर नहीं है, हमने सोचा दक्षिण भारत की शैली में अयोध्या में एक मंदिर का निर्माण हो उस भाव को मैंने अपने मन में संजोया और लोग जुड़ते गए और इस मंदिर का निर्माण हुआ। जगद्गुरु राघवाचार्य ने कहा कि 31 मई से 4 जून तक भगवान का महोत्सव होगा विधि विधान के साथ मंदिर में भगवान की मूर्ति प्रतिष्ठित होगी। मंदिर बड़ा होने के कारण कुछ बड़ी मूर्तियों की भी स्थापना होगी। दक्षिण भारत से लगभग 28 विद्वान आ रहे हैं। सारा कर्मकांड संपन्न कराएंगे। 1 जून को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पधार रहे हैं।