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हजारों के बीच में उसका
एक अलग ही पहचान है,
धरती का विशिष्ट मेहमान
सुंदर बगियन की जान है,
धीमी मुस्कान है होंठों पर
दूर तक बिखरी है महक,
गौर से देखो उसे एक बार
वाह!गुलाब उसका नाम है।
जिस्म मिटता है दो दिन में
भूलेगा कौन उसे जगत में,
अपने रूप का घमंड नहीं
चुभती हैं काटें पर रंज नहीं,
दोस्तों से जिगर मिलाता है
बैरी का दिल भी बहलाता है,
गौर से देखो उसे एक बार
वाह! गुलाब उसका नाम है।
जब जब होती है मुलाकात
खिलती है हृदय की कली,
बात होगी आँखों आँखों में
पर अफ़वाह होगा हर गली,
कोई उस सा नहीं उद्यान में
रहता है वो सब के ध्यान में,
गौर से देखो उसे एक बार
वाह! गुलाब उसका नाम है।
✍️साई नलिनी
बंगलौर, कर्नाटक