-राजधानी में सात सरकारी और नौ निजी स्कूल शामिल
भोपाल । स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 के तहत राजधानी के 16 निजी व सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। इसमें सात सरकारी और नौ निजी स्कूल शामिल हैं। इसमें पहले स्थान पर तुलसी नगर स्थित शासकीय कन्या उमावि, दूसरे स्थान पर शासकीय प्राथमिक स्कूल सूरज नगर और तीसरे स्थान पर शासकीय माध्यमिक शाला कोकता आया है। इन स्कूलों को 29 जून को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। मालूम हो कि जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में सर्वेक्षण समिति ने स्कूलों का निरीक्षण किया। इसके बाद पुरस्कार के लिए नाम घोषित किए गए। भोपाल जिले के 100 से अधिक सरकारी व निजी स्कूलों ने आवेदन किया था। कोविड काल में स्कूलों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार शुरू किया गया। शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर मप्र स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता को लेकर निजी और सरकारी स्कूलों में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसमें विद्यालय में कोविड से बचने के लिए स्वच्छता पर कितना ध्यान केन्द्रित किया गया, इसके लिए क्या-क्या कदम उठाए गए, इसका निरीक्षण किया गया। इस पुरस्कार का उद्देश्य स्कूलों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। इस पुरस्कार में स्कूलों को आनलाइन आवेदन करना था। स्कूलों में हरियाली, बागवानी, कक्षा से लेकर शौचालय तक की सफाई, बच्चों के व्यवहार एवं क्षमता विकास, कोविड नियंत्रण के लिए किए गए कार्य, रख-रखाव, बुनियादी ढांचा, पीने वाले पानी की आपूर्ति आदि के आधार पर चयन किया गया। जिला स्तर पर चयनित स्कूल राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए आवेदन करेंगे। अभी तक 309 स्कूलों ने आवेदन किया है। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग का फोकस चयनित स्कूलों पर है, ताकि प्रदेश के स्कूल स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार पा सकें। चयनित स्कूलों ने दस विद्यार्थियों की टीम बना दी है। इसमें एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया गया है। विद्यार्थी अपने-अपने स्कूलों में साफ-सफाई को लेकर निगरानी करेंगे और दूसरे विद्यार्थियों को भी प्रेरित करेंगे। शासकीय प्राथमिक स्कूल सूरज नगर के प्रधानाध्यापक सुभाष सक्सेना ने बताया कि हमारा प्राथमिक स्कूल है तो शिक्षकों को ही ध्यान देना पड़ता है। स्कूल में मां की बगिया, पानी की टंकी और शौचालय से लेकर क्लासरूम की सफाई पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि पुरस्कार विजेता स्कूलों को राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए तैयार किया जा रहा है। स्कूलों में स्वच्छता के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।