जेद्दा, सऊदी अरब । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इन दिनों चार दिवसीय पश्चिम एशिया दौरे के अंतिम चरण में सउदी अरब के दौरे पर है। यहां खाड़ी सहयोग परिषद के शिखर सम्मेलन में उन्होँए कहा, ‘हम पश्चिम एशिया का साथ नहीं छोड़ेंगे। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका पश्चिम एशिया को अलग-थलग नहीं छोड़ेगा क्योंकि वह दुनिया के एक अस्थिर क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने और गैस की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए दुनियाभर में तेल के प्रवाह को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। हम इस क्षण को अमेरिकी नेतृत्व के साथ सक्रिय और सैद्धांतिक बनाने की कोशिश करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘आज, मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि इस क्षेत्र में भूमि युद्धों का युग, जिसमें बड़ी संख्या में अमेरिकी सेनाएं शामिल थीं, नहीं चल रहा है।’
बाइडेन ने इस क्षेत्र में भूखमरी समाप्त करने के लिए अमेरिकी सहायता के रूप में एक अरब डॉलर दिये जाने की घोषणा की। उन्होंने अपने समकक्षों पर महिलाओं के अधिकारों सहित मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए, और अपने नागरिकों को खुलकर बोलने की स्वतंत्रता देने का दबाव डाला। उन्होंने कहा, ‘उन देशों द्वारा भविष्य में सफलता की जायेगी जो अपनी आबादी की प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल करेंगे।’ शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले, बाइडेन ने इराक, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है। सऊदी अरब में शिखर सम्मेलन से पूर्व शनिवार को दोनों ने बैठक की। शेख मोहम्मद बिन जायद को उनके भाई की मृत्यु के बाद मई में सर्वसम्मति से यूएई के राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था। सऊदी अरब की तरह, हालांकि, बाइडेन प्रशासन और अबू धाबी के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं।
यूएई ने बाइडेन से यमन के हूती विद्रोहियों को एक आतंकवादी समूह के रूप में सूचीबद्ध करने संबंधी निर्णय को वापस लेने का आह्वान किया है। राष्ट्रपति बाइडेन ने सऊदी अरब में अपने अंतिम दिन की शुरुआत इराकी प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी से मुलाकात करके की। कदीमी पिछले साल विस्फोटक ड्रोन से किये गये हमले में बच गए थे। देश में कुछ लोगों ने हमले के लिए ईरानी समर्थित गुटों को जिम्मेदार ठहराया है।