चीन और वियतनाम में तबाही मचाने के बाद अब भारत पहुंच रहा तूफान विफा…क्यों होगा असर

नई दिल्ली । वर्तमान में देश में जोरदार मानसून का मौसम है, जो तीखी गर्मी से राहत दिला रहा है लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में इसके चलते ऐसी तबाही मची हुई है कि तस्वीरें देखकर आप दंग रह जाएंगे। खासतौर पर जिन देशों को छूकर विफा तूफान गुजरा है, वहां अलग ही तबाही का मंजर दिखा रहा हैं। 20 से 23 जुलाई तक तूफान ने अपना विकराल रूप दिखाया है और अब ये बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है।
तूफान विफा ने दक्षिण-पूर्व एशिया में भारी तबाही मचाई, जिसने कई देशों को प्रभावित कर अब ये कमजोर होकर बंगाल की खाड़ी की तरफ आ रहा है। 18 जुलाई को ये तूफा पश्चिमी प्रशांत महासागर में बना। तूफा ने अपनी तीव्र गति और भारी बारिश के लिए जाना जा रहा है।
विफा ने 20 जुलाई को लुज़ोन द्वीप के पास 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से प्रवेश किया। तब तक ये कैटेगरी-1 के तूफानों में शामिल था, यहां इस क्रिसिंग नाम दिया गया। तूफान ने भारी बारिश और भूस्खलन से कैगायन वैली और बिकोल क्षेत्रों में तबाही मचाई। तूफान की वजह से 5 लोगों की मौत, 7 लापता और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। तूफान से करीब 400 सड़कें और 30 पुल क्षतिग्रस्त हुए। हालांकि साल 2013 के टाइफून हैयान की तुलना में विफा कम शक्तिशाली था, लेकिन इसकी बारिश और भूस्खलन ने स्थानीय समुदायों को गहरा नुकसान पहुंचाया।
इसके बाद 21 जुलाई को विफा ने हॉन्ग कॉन्ग और ग्वांगडोंग में 167 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से लैंडफॉल किया। तब ज़ुहाई और ग्वांगडोंग में 471 पेड़ उखड़े, 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं और 26 लोग घायल हो गए। 3 घंटे में 110 मिलीमीटर की बारिश दर्ज की गई। इतना ही नहीं हांगकांग और मकाऊ में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से ठप हो गया। साल 2024 के टाइफून यागी की तुलना में विफा कम तीव्र था, लेकिन इसकी तेज हवाओं ने तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान किया।
इसके बाद 22 जुलाई को हानोई और हंग येन में विफा पहुंचा, तब इसकी रफ्तार थोड़ी कम हो चुकी थी। इस दौरान 102 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से विफा ने लैंडफॉल किया। इस दौरान 500 मिलीमीटर तक बारिश हुई और बाढ़ के चलते सड़कों, स्कूलों और खेतों को नुकसान पहुंचा।
23 जुलाई के बाद विफा अब कमजोर होकर बंगाल की खाड़ी में एक नया मानसूनी सिस्टम बना सकता है। यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में भारी बारिश ला सकता है। हालांकि इससे ज्यादा कोई असर भारत में इस तूफान का नहीं होगा क्योंकि अब इसकी ताकत कम हो चुकी है।