कोलंबो में प्रदर्शनकारियों के हमले में भारतीय अधिकारी के घायल होने पर जयशंकर ने जताई चिंता

नई दिल्ली । कोलंबो स्थित भारतीय दूतावास में
भारतीय वीजा केंद्र के निदेशक के रूप में काम कर रहे विवेक वर्मा पर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के हमले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चिंता जताई है। नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने द्वीपीय राष्ट्र श्रीलंका में आर्थिक संकट पर हुई एक सर्वदलीय बैठक में कहा कि श्रीलंका में स्थिति बहुत गंभीर है और कई मायनों में अभूतपूर्व है।
उन्होंने कहा कि भारत इसके संभावित प्रभावों और परिणामों के बारे में सोचकर चिंतित है। जयशंकर ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जो एक बहुत करीबी पड़ोसी से संबंधित है और इस निकटता को देखते हुए हम स्वाभाविक रूप से इसके परिणामों के बारे में चिंता करते हैं।
उधर, कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि उसके अधिकारियों ने भारतीय वीजा केंद्र के निदेशक विवेक वर्मा से मुलाकात की, जो कल रात कोलंबो के पास सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। भारतीय उच्चायोग ने इस घटना बारे में श्रीलंका के अधिकारियों को भी जानकारी दी है। भारतीय उच्चायोग ने सभी लोगों से सावधान रहने का आग्रह करते हुए कहा कि मार्च में श्रीलंका में शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद से संभवत: पहली बार किसी भारतीय नागरिक पर हमला किया गया है। श्रीलंका में जारी उथल-पुथल के बीच भारत ने दोहराया है कि वह द्वीपीय राष्ट्र के लोगों के साथ खड़ा रहेगा। क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों के साथ-साथ पहले से बनाए गए संस्थानों और एक संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं। भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि भारत और श्रीलंका के बीच रिश्‍ते हमेशा से ही स्‍नेहपूर्ण और दोस्‍ताना रहे हैं। वर्तमान स्थिति में श्रीलंका में रह रहे भारतीय नागरिकों से अपील है कि वे ताजा घटनाक्रम से अपडेट रहें। उसी के मुताबिक अपनी गतिविधियों और आने जाने को प्‍लान करें। जरूरत पड़ने पर भारतीय नागरिक उच्‍चायोग से संपर्क कर सकते हैं। प्रदर्शन के दौरान कई बार भारत के खिलाफ माहौल भड़काने की कोशिश की गई, लेकिन सब बेकार साबित हुई थी। हाल ही में यह प्रचारित किया गया कि गोटबाया राजपक्षे को भागने में भारत ने मदद की है। सोशल मीडिया पर उड़ी इस अफवाह का भारत तत्‍काल खंडन कर दिया था। भारत ने कहा था कि वह श्रीलंका की जनता के साथ खड़ा है और राजपक्षे परिवार की मदद का आरोप झूठा है।