कांगो में हिंसक हुआ प्रदर्शन, गोलीबारी में दो भारतीय शांति सैनिकों समेत 15 लोगों की मौत, 50 से अधिक घायल

बुटेम्बो । कांगो के पूर्वी शहर बुटेम्बो में संयुक्त राष्ट्र विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो गया है। इस हिंसा में अब तक 15 लोग मारे जा चुके हैं। हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के दौरान तीन शांति सैनिकों की मौत हो गई, जिनमें से दो भारतीय हैं। बुटेम्बो के पुलिस प्रमुख पॉल नगोमा ने बताया कि देश के तनावग्रस्त इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना (मोनुस्को) हथियारबंद समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल हो रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों की शहादत पर दुख प्रकट किया है।

हिंसक भीड़ ने पुलिस के हथियार छीने, चलाई गोलियां
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि हिंसक हमलावरों ने कांगो पुलिस से हथियार छीन लिए और संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर गोलीबारी की। मंगलवार को ‘विशेष रूप से सोशल मीडिया पर संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ व्यक्तियों और समूहों द्वारा की गई शत्रुतापूर्ण टिप्पणियों और धमकियों से प्रेरित’ सैकड़ों हमलावरों ने गोमा के साथ-साथ उत्तरी किवु के अन्य हिस्सों में ‘संयुक्त राष्ट्र बल के ठिकानों पर फिर से हमला किया।

तमाम प्रयासों के बाद भी थम नहीं हिंसा : फरहान हक
हक ने कहा भीड़ पत्थर और पेट्रोल बम फेंक रही है। ठिकानों में तोड़फोड़ कर रही है। लूटपाट कर रही है। त्वरित प्रतिक्रिया बलों को भेजकर हम चीजों को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके अलावा, हक ने कहा कि कम से कम 4 घटनाओं में मोनुस्को कर्मचारियों के आवासों को निशाना बनाया गया, जिन्हें अब संयुक्त राष्ट्र शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा भीड़ ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम परिसर में घुसने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र मिशन कार्यालयों में आग लगा दी और वहां जबरन प्रवेश किया। उन्होंने शांति सेना पर कांगो के पूर्वी क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के बीच नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख जल्द कलेंगे कांगो का दौरा
मनुस्को के कार्यवाहक प्रमुख खासीम डायग्ने और संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता हक ने संयुक्त राष्ट्र कर्मियों की हत्याओं की निंदा की। हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख जीन पियरे लैक्रोइक्स, जो वर्तमान में माली में हैं, जल्द ही कांगो का दौरा करेंगे। डायग्ने ने संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ हिंसा को ‘अस्वीकार्य’ बताया। हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के पास अपने शांति सेना को हटाने और यहां तक ​​कि कांगो से हटने की योजना है, लेकिन ‘हम रुके हुए हैं क्योंकि जमीन पर स्थिति खतरनाक है।

संघर्ष घायल हो गए थे बीएसएफ जवान, बाद में हुई मौत
सीमा बल के प्रवक्ता ने बताया कि 26 जुलाई को, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बुटेम्बो में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दल के दो भारतीय बीएसएफ कर्मियों ने हिंसक सशस्त्र विरोध के दौरान गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने कहा कि इस साल मई में शामिल किए गए इलाके में करीब 70-74 बीएसएफ जवानों को तैनात किया गया। अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय लोगों ने पूरे कांगो में मोनुस्को के खिलाफ प्रदर्शन और आंदोलन का आह्वान किया था, जिसके बाद गोमा शहर में स्थिति हिंसक हो गई।

भारतीय जवानों की शहादत पर जयशंकर ने जताया दु:ख
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो कर्मियों की मंगलवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मौत हो गई। बल के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों को खोने पर बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा कि आक्रोशपूर्ण हमलों के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय कठघरे में लाया जाना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।