नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बेंगलुरु की कंपनी के खिलाफ कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि धनशोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कावेरी टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के आवासीय अपार्टमेंट, प्लॉट, कृषि भूमि और बैंक जमा को कुर्क करने का एक शुरुआती आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 40.14 करोड़ रुपये है।
यह धन शोधन का मामला जुलाई, 2015 में बेंगलुरु में सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधक शाखा द्वारा कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद सामने आया है। ईडी ने कहा कि सीबीआई की प्राथमिकी देना बैंक के तत्कालीन उप-महाप्रबंधक (डीजीएम) द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसमें कंपनी और उसके निदेशकों द्वारा लिए गए ऋण के संबंध में बैंक के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।
कंपनी और उसके निदेशकों ने उपकरण खरीदने के नाम पर तत्कालीन देना बैंक से 45 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। हालांकि, इसने कर्ज को अपनी सहयोगी और नियंत्रण वाली इकाइयों के जरिये इधर-उधर किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी के निदेशकों ने ऋण प्राप्त करने के लिए बैंक के साथ नकली और मनगढ़ंत कर चालान और लॉरी रसीद आदि जमा की।। उन्होंने कहा कि समूह की विभिन्न इकाइयों के खातों के माध्यम कर्ज की राशि को इधर-उधर किया गया। यहां तक कि कर्ज की राशि को प्रवर्तकों\निदेशकों के बचत खातों में भी डाला गया।