शो ‘वागले की दुनिया’ में राजेश ने उस नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का फैसला किया है, जिसमें उसने अपना अधिकांश पेशेवर जीवन गुजारा है।
इसकी शुरूआत तब होती है, जब राजेश के अन्ना कहते हैं कि उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली है और उनके दिन खुशी से गुजर रहे हैं। राजेश को यह बात अच्छी लगती है और उसके दिमाग में भी ऐसा कुछ करने की सोच पनपती है। अपने बॉस हैरी के साथ ऑफिस में तीखी अनबन राजेश की सोच को और मजबूत करती है। जब राजेश अपने परिवार को इसके बारे में बताता है, तब परिवार के लोग निराश दिखते हैं, लेकिन उसके फैसले का समर्थन करते हैं और बदले में राजेश सबको आश्वस्त करता है कि वह कैसे भी पैसों का मामला संभाल लेंगे। लेकिन चीजें उसकी योजना के मुताबिक नहीं होती, बिल इकट्ठे होने लगते हैं और राजेश को रोजाना की जरूरतें पूरी करने के लिये भी संघर्ष करना पड़ता है। राजेश देखता है कि सखी और अथर्व अपने तरीके से खर्चों को कम करने में लगे हैं। अगली सुबह श्रीनिवास काम के लिये जाने को तैयार हो जाते हैं और राजेश को अपने फैसले पर काफी पछतावा होता है।