‘सेवा’ के जरिए 18 राज्यों की 21 लाख महिला मजदूरों की मसीहा रही ईलाबेन –

इन्दौर । देश के 18 राज्यों में 21 लाख असंगठित श्रमिक बहनों के अधिकारों के लिए 1972 से लगातार लड़ाई लड़ने वाली सेवा अहमदाबाद की संस्थापक ईलाबेन भट्ट के निधन की सूचना मिलते ही इन्दौर से जुड़े विभिन्न संगठनों में शोक की लहर दौड़ गई। ईलाबेन भट्ट ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के बारे में पूरी दुनिया को उनके कठिन श्रम के बारे में बताया। ‘सेवा’ मध्यप्रदेश की ओर से आज एक आपात बैठक में श्रीमती मनोरमा जोशी, सेवा म.प्र. की महामंत्री श्रीमती शिखा जोशी एवं अन्य पदाधिकारियों ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
सेवा म.प्र. की महामंत्री शिखा जोशी ने कहा कि 1985 में जब श्रीमती मनोरमा जोशी ने म.प्र. में सेवा की स्थापना की, तब से लेकर आज तक ईलाबेन का मार्गदर्शन मिलता रहा। वे लगातार इन्दौर आती रहीं और सबकी प्रेरणा स्त्रोत बनी रहीं। उनके प्रयासों से लाखों श्रमजीवी महिलाएं अपने हकों को लेने में कामयाब रहीं। वे अपने प्रयासों के कारण असंगठित क्षेत्र की महिलाओं की मसीहा के रूप में पहचानी जाती रहीं। वरिष्ठ पत्रकार स्व. प्रभाष जोशी के परिवार से उनका आत्मीय रिश्ता बना रहा। उन्हें देश–विदेश के अनेक पुरस्कार भी मिले, जिनमें पद्मश्री, पद्मभूषण, रेमन मेगसेसे और इंदिरा गांधी जैसे पुरस्कार प्रमुख हैं। वे द्वितीय योजना आयोग में राज्य सभा की सदस्य भी रहीं। आज 90 वर्ष की आयु में उनका देवलोकगमन अहमदाबाद में हुआ, यह समाचार मिलते ही विभिन्न संगठनों ने उन्हें आपात बैठक में श्रद्धांजलि समर्पित की।