अडानी समूह की धोखाधड़ी से सारी दुनिया के शेयर बाजारों में हड़कंप *अडानी समूह को पिछले 5 दिनों में 1.44 लाख करोड़ रुपए का भारी नुकसान

नई दिल्ली । अमेरिका की फाइनेंस रिसर्च कंपनी हिंडन वर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से सारी दुनिया के देशों में हंगामा मच गया है।फर्जी दस्तावेजों के सहारे पिछले 3 साल में लगातार फर्जी मुनाफा कमाने वाली कंपनी के ऊपर आर्थिक संकट के काले बादल छा गए हैं। अडानी समूह ने फर्जी कागज तैयार करकागजों पर मुनाफा दिखाकर बैंकों और वित्तीय संस्थानों से भारी कर्ज लिया है। अडानी समूह पर दस्तावेजों में हेराफेरी करके मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे हैं।
अडानी समूह की कंपनियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार करशेयर मार्केट के माध्यम से शेयर के दामों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने और बैंकों से अपने हिस्से के शेयर गिरवी रखकर कर्जा लेने की बात भी रिपोर्ट में उजागर हुई है। पिछले 3 वर्षों में कंपनी बड़ी तेजी के साथ भारी मुनाफा कमा रही थी। जो इस वर्ष पिछले 3 वर्षों की तुलना में न्यूनतम स्तर पर आ गया है।
रिपोर्ट की भनक लगने के साथ ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर शुरू हो गया था। पिछले 5 दिनों में शेयर बाजार लगातारगिरावट के साथ बंद हो रहा है।
फर्जीवाड़े की रिपोर्ट उजागर होते ही अडानी समूह की कंपनियों को 1.44 लाख करोड़ का नुकसान हो गया है। शेयर बाजार में निवेशकों के 2.75 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। अडानी पोर्ट्स के शेयरों में 24 फ़ीसदी और ट्रांसमिशन में 20 फ़ीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है।अंबुजा सीमेंट के शेयरों में भी भारी गिरावट बनी हुई है। एसीसी और एनडीटीवी के शेयर भी भारी गिरावट में कारोबार कर रहे हैं।
अडानी समूह के मनी लांड्रिंग में घिरे होने के फर्जी दस्तावेजों और सेबी द्वारा समय पर कार्यवाही नहीं करने परइसका असर भारत सरकार पर भी पड़ रहा है। अडानी समूह की नेटवर्क 97.5 बिलियन डालर घटकर 7.76 लाख करोड़ पर आ गई है। वैश्विक सूची में अडानी समूह सातवें नंबर पर पहुंच गया है। पिछले 5 दिनों से अडानी समूह की सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
अडानी समूह के फर्जीवाड़े मैं सबसे ज्यादा नुकसान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भारतीय जीवन बीमा निगम एवं म्यूचल फंड को होने की संभावना आर्थिक विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की जा रही है। आर्थिक विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि जैसे अमेरिका में 2008 की आर्थिक मंदी के पीछे लेहमन ब्रदर्स की आर्थिक गड़बड़ियां थी। ठीक उसी तरह की स्थिति अब अडानी समूह के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने जा रही है। शेयर बाजारों में जिस तरीके का माहौल बना हुआ है। उससे लोगों को हर्षद मेहता के समय हुई शेयर बाजार की गड़बड़ियों की यादें ताजा होने लगी हैं। भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के बीच भारी हड़कंप मच गया है। वैश्विक बाजार भी इससे अछूते नहीं हैं।
पिछले 5 दिनों में अडानी समूह की जिन कंपनियों के शेयर बाजार में काफी गिरावट रही है। उनमें अडानी ट्रांसमिशन 25.39 फ़ीसदीअडानी पोर्ट्स 30.79 फ़ीसदीअडानी विल्मर 7.05 फीसदी अडानी पावर 9.80 फ़ीसदी अडानी टोटल गैस 23.28 फ़ीसदी अडानी ग्रीन एनर्जी 24.97 फ़ीसदी अडानी एंटरप्राइजेज 16.91 फ़ीसदी अंबुजा सीमेंट 30.73 फ़ीसदी एसीसी 27.46 फ़ीसदी तथा एनडीटीवी के शेयर 11.36 फ़ीसदी की गिरावट पर रहे।